अंशुमान खरे
पाकिस्तान तबाही के कगार पर पहुंच गया है। खाने को तरसती पाकिस्तान की जनता त्राहि त्राहि कर रही है। पाकिस्तान की सरकार बिखरते हुए पाकिस्तान को बचाने की जद्दोजहद कर रही है। देश में बिजली की किल्लत, पीने के पानी की किल्लत, खाने की किल्लत, दवाइयों की किल्लत के साथ तमाम किल्लतें मुंह बाए खड़ी हैं। देश में गृहयुद्ध की सी स्थिति बन रही है। जनता सड़कों पर उतर आई है। आक्रोशित जनता किसी के कहने में नहीं है। गुस्से और भूख से जनता तोड़फोड़ पर उतारू है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दिनों दिन दिवालिया होते पाकिस्तान को देख रहे हैं।
पाकिस्तान का खजाना खाली हो चुका है। खाने के लिए आटा नहीं, चावल नहीं, दाल नहीं, सब्जियों का अकाल सा हो गया है। आसमान छूती मंहगाई से जनता भुखमरी के कगार पर ।पाकिस्तान की हमेशा मदद करने वाले देश भी इस बार मदद को तैयार नहीं हैं। देश में पेट्रोलियम पदार्थों की भी किल्लत हो गई है। पाकिस्तान के पास पैसे नहीं हैं कि पेट्रोल और डीजल को खरीद सके। दवाइयों की खरीद कर सके। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ तमाम देशों का दौरा करके बगैर सहायता पाए खाली हाथ लौट आए हैं। पाकिस्तान सरकार ने अपने तमाम मंत्रियों को कटोरा लेकर सहायता के लिए रवाना किया पर सबके सब बगैर सहायता खाली हाथ लौट आए। यही नहीं सरकार ने सेना प्रमुख को भी पड़ोसी देशों के पास सहायता लाने के लिए भेजा, पर वह भी बस आश्वासन लेकर लौट आए। आएमएफ भी अब और मदद को तैयार नहीं है। भारी भरकम शर्ते मदद के लिए आईएमएफ ने लगा रखी हैं , जिन्हें पाकिस्तान पूरी करने में असमर्थ है।
आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाना पाकिस्तान से हो नहीं पाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान की तबाही के लिए प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ को जिम्मेदार मानते हैं। जबकि शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान की बरबादी के लिए पाकिस्तान और भारत के तीन युद्धों को जिम्मेदार मानते हैं।पाकिस्तान इन तीन युद्धों से तबाह हो गया।
आतंकी गतिविधियों पर नियंत्रण न कर पाने से पाकिस्तान पिछड़ता चला गया। पाकिस्तान के हुक्मरानों ने पाकिस्तान का पैसा खूब लूटा और विदेशों में बस गए। पाकिस्तान के सेना प्रमुख से लेकर सेना के अन्य अधिकारियों ने भी पाकिस्तान को जमकर लूटा,और इस प्रकार पाकिस्तान को कंगाल करके छोड़ा। खेती किसानी , शिक्षा, बिजली, पानी , सड़क , विकास सब को पीछे छोड़ दिया। बस सिर्फ और सिर्फ आतंकवादियों को बढ़ावा दिया। अब इन्हीं आतंकवादियों के भरोसे पाकिस्तान को मजबूत बनाना चाह रहे हैं।
आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी होते हैं उनसे देश को रत्ती भर भी लाभ मिलने से रहा। जब तक पाकिस्तान की सरकार आतंकवादियों पर उचित कार्यवाही नहीं करती है तब तक वह कुछ भी करने की स्थिति में नहीं रहेगा।देश की जनता को हिन्दुस्तान से कश्मीर लेने के नाम पर हमेशा बरगलाते रहते हैं। जबकि उनको मालूम है कि पीओके हिन्दुस्तान का है , कभी भी हिन्दुस्तान वापस ले लेगा।पाकिस्तानी जनता को कश्मीर का राग कब तक सुनाएंगे।
पीओके के लोगों को पाकिस्तान ने हमेशा परेशान किया है ऐसा दावा है।पीओके में प्राकृतिक संसाधनों का भण्डार है। जिनका उपयोग पाकिस्तान जमकर कर रहा है। पर पीओके में बिजली, पानी, सड़क, स्कूल, उद्योग पर कुछ भी काम नहीं किया गया। पीओके की जनता को हमेशा सेना के दबाव में रखा गया। पीओके के लोग मेहनती हैं, पर उनकी मेहनत का उन्हें फल नहीं मिला। पीओके के लोग पाकिस्तान से मुक्ति पाना चाहते हैं ,इसके लिए लगातार आन्दोलन हो रहे हैं। पीओके की मुक्ति के लिए विदेशों में बैठे कश्मीर के लोग विदेशों में आन्दोलनरत हैं ।पीओके के लोगों पर पाकिस्तानी सेना लगातार अत्याचार कर रही है।लाठियों से पीटने के अलावा ,गोलियों से हमला आम बात होती जा रही है।पीओके के लोग पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं।शहबाज़ शरीफ़ और पाकिस्तान के खिलाफ आन्दोलनरत हैं। पीओके के लोग मोदी मोदी के नारे लगा रहे हैं। हिन्दुस्तान में मिलने की जद्दोजहद कर रहे हैं।
पीओके के आन्दोनकारियों को खदेड़ते हुए पाकिस्तान की सेना ने कहा कि पीओके तम्हारे बाप की जमीन नहीं है। भारीभरकम पीओके के लोगों की भीड़ पर सेना भी कार्यवाही करने से बच रही है । आन्दोलनकारियों की उग्र भीड़ से सेना के लोग भी डरने लगे हैं।पाकिस्तान हाय हाय के नारे लगातार गूंज रहे हैं।पीओके के लोग पीओके को लद्दाख में मिलाने की गुजारिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम एक दिन भी पाकिस्तान की सेना के दबाव में नहीं रह सकते हैं।पाकिस्तानी सरकार पीओके के लिए कुछ भी नहीं करती है बस संसाधनों का दोहन करती है। पीओके में चीन के दखल को जनता सिरे से नकार रही है। चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत पीओके में निर्माण कर रहा है जो कि हिन्दुस्तान का हिस्सा है।
हिन्दुस्तान कभी भी नहीं चाहेगा कि चीन पीओके में कोई निर्माण कार्य करे।पर चीन पाकिस्तान को मदद के नाम पर पीओके में निर्माण कार्य कर रहा है।जिसका विरोध पीओके की जनता लगातार कर रही है।चीन पाकिस्तान को कर्ज देकर धीरे धीरे जमीन हथियाता चला जा रहा है।हिन्दुस्तान ने भी चीन के निर्माण के लिए अपना रोष व्यक्त किया है।आक्रोशित पीओके के लोगों की भीड़ ने चीन के कर्मचारियों पर हमला करके अपना विरोध दर्ज कराया है।
लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा था कि आतंकवादी कभी भी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे,हिन्दुस्तान में घुसपैठ के लिए पाकिस्तानी लांच पैड पर तकरीबन डेढ़ सौ आतंकवादी मौजूद हैं।हम हर तरह से पीओके को हिन्दुस्तान में मिलाने में सक्षम हैं। हम आतंकवादियों का वजूद खत्म कर देंगे।हमें बस सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलने भर का इंतजार है।हम पाकिस्तान से पीओके ले लेंगे और चीन से अक्साई चिन।पाकिस्तान और चीन की चालों को हम निस्तनाबूत कर देंगे। हिन्दुस्तान के जवानों की बहादुरी के बारे में चीन और पाकिस्तान अच्छी तरह से जानते हैं।
हिन्दुस्तान के बहादुर जवानों को अगर छेड़ा गया तो इस बार लाहौर तक पाकिस्तानी सेना को खदेड़कर तिरंगा फहरा देंगे।हमारी सेना के दमखम से पाकिस्तानी सेना भलीभांति परिचित है।
पीओके के लोगों को आटा नसीब नहीं हो रहा।हिन्दुस्तान के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर दुख प्रकट किया। अगर परिस्थितियां और समय ठीक रहा तो पाकिस्तान से गिलगित -बाल्टिस्तान का हिन्दुस्तान में मिलना तय है।पीओके के लोगों का हिन्दुस्तान में स्वागत है। उन्हें वहीं सारी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी।आटा , दाल ,चावल, सब्जियां और फल सभी मिलेंगे। भविष्य में सड़क, बिजली,पीने का पानी, स्कूल, उद्योग सब पर हिन्दुस्तान की सरकार काम करेगी।
यह कहना अतिश्योक्ति न होगा कि आईसीयू में तड़पते पाकिस्तान का निकट भविष्य में अन्त होना तय है।पाकिस्तानी सरकार नीम हकीमों से पाकिस्तान का इलाज करा रही है वह दम तोड़कथ ही रहेगा।यही स्थिति रही तो पाकिस्तान का नाम नक्शे से गायब होना तय है।