डॉ दिलीप अग्निहोत्री
प्रधानमंत्री मंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से विकसित भारत का मंसूबा व्यक्त किया. यह उनका तत्कालिक संकल्प मात्र नहीं था. बल्कि उनकी सरकार विगत आठ वर्षों से इसी संकल्प को सिद्ध करने में लगी है. लेकिन परिवारवाद और भ्रष्टाचार भारत को विकसित बनाने में बाधक है. नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से किसी पार्टी का नाम नहीं लिया. लेकिन बिहार और पश्चिम बंगाल का उदाहरण सामने है. पश्चिम बंगाल में परिवारवादी पार्टी का शासन है. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमों ममता बनर्जी के भतीजे युवराज के रूप में है. ऐसी पार्टियों में सभी बड़े कार्यों पर मुखिया की नजर रहती है.
ममता बनर्जी के विश्वासपात्र की बड़े घोटाले में संलिप्तता का मामला उजागर हुआ है. बड़ी मात्रा मे अवैध संपत्ति ईडी को मिली है. लेकिन ममता बनर्जी की सरकार को विधानसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त है. बिहार में नीतीश कुमार ने जिस पार्टी पर घोटालों के आरोप लगाए थे,जिसके संस्थापक की वर्तमान स्थिति सबके सामने है, उसी पार्टी के साथ नीतीश ने सरकार बना ली है. तेजस्वी यादव उनके साथ उपमुख्यमंत्री है. इतिहास ने अपने को दोहराया है.
नितीश और तेजस्वी की यह जोड़ी दूसरी बार सरकार में है. पहली बार राजद परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण ही नितीश उनसे अलग हुए थे. वह भाजपा के साथ आ गए थे. फिर लौट कर वहीँ पहुँच गए. उनकी वर्तमान सरकार संख्याबल के हिसाब से पहले के मुकाबले मजबूत है. लेकिन गंभीर आरोपियों का इसमें वर्चस्व रहेगा. ऐसी स्थिति से मतदाता ही राजनीति को बचा सकते हैं. इसीलिए नरेन्द्र मोदी ने जनता के सहयोग का आह्वान किया है. ऐसा करके वह अपवाद छोड़ कर अन्य सभी पार्टियों के निशाने पर आ गए है. क्योंकि भाजपा और वामपंथियों को छोड़ कर सभी पार्टियां परिवारवाद पर आधारित है.
कम्युनिस्ट पार्टी केरल तक सिमट चुकी है.वहाँ भी वामपंथ का नया संस्करण आ गया है. मुख्यमन्त्री के दामाद का जलवा सरकार और पार्टी में बढ़ रहा है. देश के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित किया गया है. मोदी ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में देश के खिलाड़ियों को पहले से अधिक पदक मिले हैं। यह प्रतिभाएं पहले भी भारत में थीं, लेकिन भाई-भतीजावाद के कारण वह नहीं उभर पायीं।
भारत को विकसित बनाने के मार्ग में दूसरी सबसे बड़ी बाधा भ्रष्टाचार है. इसमें भी परिवारवादी पार्टियों पर सर्वाधिक आरोप लगते हैं. नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है.उससे देश को लड़ना ही होगा। सरकार का प्रयास है कि जिन्होंने देश को लूटा है.उनको लूट का धन लौटाना पड़े। मोदी सरकार ने व्यवस्था में व्यापक सुधार किया है.चालीस करोड़ जनधन खाते खोले गए.
विगत आठ वर्षों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा आधार, मोबाइल जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए देश के दो लाख करोड़ रुपये को गलत लोगो के हांथों तक जाने से रोक दिया गया. आत्मनिर्भर अभियान भी भारत को विकसित बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है. इसमें निजी क्षेत्र की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. पीएलआई योजनाओं के माध्यम से, हम दुनिया के विनिर्माण बिजलीघर बन रहे हैं। लोग मेक इन इंडिया के लिए भारत आ रहे हैं। बच्चे ने विदेशी खिलौनों का बहिष्कार कर रहे हैं.
नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के लिए पांच प्रण का महत्त्व रेखांकित किया. हमको भारतीय विरासत पर गर्व करना चाहिए. वैश्विक समस्याओं का समाधान भारतीय चिंतन के माध्यम से सम्भव है. भारत लोकतंत्र की जननी है। इसका भी देश को गर्व होना चाहिए. दासता के किसी भी निशान को हटाना, विरासत पर गर्व,एकता और अपने कर्तव्यों को पूरा करना सभी का दायित्व है.इससे भारत को विकसित बनाया जा सकता है.पंच प्रण पर अपनी शक्ति,संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना आवश्यक है.