उपभोक्ता परिषद ने फिर कहा पावर कॉरपोरेशन कानूनी पहलुओं में पूरी तरह कमजोर, जल्द से जल्द उसे ग्रामीण व शहरी सभी विद्युत उपभोक्ताओं के लिए 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का आदेश बहाल करते हुए प्रदेश में रोस्टर व्यवस्था समाप्त करना चाहिए
लखनऊ 27 अगस्त : उत्तर प्रदेश में कुछ महीने 24 घंटे विद्युत आपूर्ति ग्रामीण व शहरी सभी विद्युत उपभोक्ताओं को देने के बाद 1 जुलाई 2024 से पुनः प्रदेश में रोस्टर व्यवस्था लागू किए जाने के विरोध में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद द्वारा विद्युत नियामक आयोग में 3 जुलाई 2024 को एक जनहित प्रस्ताव सौंपते हुए रोस्टर व्यवस्था का विरोध करते हुए यह विधिक सवाल उठाया था कि जब केंद्र सरकार द्वारा पारित कानून विद्युत उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 लागू है और उसकी धारा 10 सभी विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति देने की बात करती है और साथ ही उत्तर प्रदेश में फुल कास्ट टैरिफ लागू है फिर ऐसे में रोस्टर व्यवस्था पुनः क्यों लागू की गई इस पर विद्युत नियामक आयोग तत्काल हस्तक्षेप करें और रोस्टर व्यवस्था समाप्त कराए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा की तरफ से दाखिल प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों से बिजली दर प्रक्रिया के तहत जवाब मांगा था। अंततः पावर कॉरपोरेशन की तरफ से उपभोक्ता परिषद के विधिक सवालों पर अपने को फंसता देख विद्युत नियामक आयोग के सामने यह जवाब दाखिल किया गया है कि उत्तर प्रदेश में सभी विद्युत उपभोक्ताओं चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र के हो या शहरी क्षेत्र के सभी को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति दिए जाने का जो उपभोक्ता परिषद का प्रस्ताव है वह स्वागत योग्य है और पावर कॉरपोरेशन उसके परिपेक्ष में तकनीकी व कामर्शियल पैरामीटर का विश्लेषण कर रहा है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा पावर कारपोरेशन को भी पता है कि उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल किया गया प्रस्ताव कानून व विधिक तर्कों के आधार पर है उसके विरोध में बिजली कंपनियां कानूनं नहीं जा सकती क्योंकि उपभोक्ता परिषद ने अपने प्रस्ताव में यह भी दाखिल किया था की विद्युत उपभोक्ता अधिकार रूल 2020 लागू होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र में जो 24 घंटे विद्युत आपूर्ति नहीं की गई है उसके हिसाब से प्रत्येक माह उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलना चाहिए बिजली कंपनियों को भी पता है कि अब वह कानूनी पहलुओं में फंस चुके हैं इसलिए जल्द से जल्द उन्हें सभी विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति दिए जाने का अपना पूर्व का आदेश बहाल करना चाहिए। परिषद का कहना है कि क्योंकि पावर कॉरपोरेशन कई महीनो तक 24 घंटे विद्युत आपूर्ति देकर तकनीकी पैरामीटर सिद्ध कर चुका है।