मुंबई। पहलाज निहलानी की सेंसर बोर्ड से जबरन विदाई के बाद अब बॉलीवुड को प्रसून जोशी से सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से काफी आशाएं है पहलाज निहलानी को शुक्रवार को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। अब उनकी जगह मशहूर लेखक, गीतकार प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई है। निर्माता पहलाज निहलानी लंबे समय से अपने अजीबोगरीब फैसलों और बयानों को लेकर विवादों में रहते आए थे।
हर हफ्ते किसी न किसी फिल्म को वो अश्लीलता या असंस्कारी होने की बात पर रोक लेते थे और कई मामलों में सोशल मीडिया पर उनका मजाक भी बनाया जा रहा था। पिछले दिनों फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की रिलीज को लेकर भी पहलाज निहलानी की काफी खिंचाई हुई थी और कई फिल्म निर्माता उनके चयन का खुले रुप से विरोध कर चुके थे। रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म ‘टायलेट एक प्रेम कथा’ में भी पाँच कट लगा देने का सुझाव दे चुके पहलाज का कार्यकाल जनवरी 2018 तक था।
पिछले कुछ दिनों से मौजूदा सरकार पहलाज निहलानी के कामकाज से खुश नहीं थी और उन्हें वॉर्निंग भी दी जा चुका थी। नए सेंसर बोर्ड चेयरमैन प्रसून जोशी एक फेमस ऐडमेकर हैं। प्रसून जोशी सबसे पहले ऐड कंपनी O&M में काम कर चुके हैं। ‘ठण्डा मतलब कोका कोला’ इस पंचलाइन के साथ ‘कोक’ को सॉफ्ट ड्रिंक के बाजार में मजबूती के साथ दोबारा खड़ा करने वाले प्रसून ही थे। इसके बाद वो ऐड कंपनी ‘मैकऐन इरिक्सन’ में कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। 2007 में आई फिल्म ‘तारे जमीन पर’ के लिए प्रसून को ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ से भी नवाजा जा चुका है।
प्रसून को वित्त मंत्री अरुण जेटली का करीब माना जाता है
2015 में पद्म पुरस्कार पाने वाले प्रसून की एनडीए सरकार से नजदीकियां किसी से छुपी नहीं हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के प्रचार अभियान में प्रसून ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रसून ने बीजेपी के लिए ‘मैं देश नहीं झुकने दूंगा’ प्रचार गीत बनाया था हालांकि इस गाने को बाद में पार्टी ने वापस ले लिया था।
साल 2014 की जीत के बाद भी प्रसून, बीजेपी के लिए विभिन्न विधान सभा चुनावों में सहयोग करते रहे हैं। प्रसून को बीजेपी में वित्त मंत्री अरुण जेटली का करीब माना जाता है और सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के साथ भी वो कई मौकों पर नजर आ चुके हैं। खैर अब बॉलीवुड को प्रसून से काफी आशाएं है।