- ऊर्जा संरक्षण दिवस पर उपभोक्ता परिषद का बडा तंज कहा इसी तरह बिजली दर बढती रही तो आने वाले समय में कोई बिजली लेने वाला ही नही होगा सरकार करती रहे बिजली बचत
- केन्द्र सरकार की एजेन्सी एनर्जी एफिशेन्सी सर्विसेज लि. द्वारा अब तक ऊर्जा संरक्षण हेतु पूरे देश में बेचे गये लगभग 25 करोड 28 लाख एलईडी बल्ब जिसमें ज्यादातर घटिया क्वालिटी के चलते हो गये खराब, ऐसे में ऊर्जा संरक्षण मात्र दिखावा और केन्द्र सरकार चुप
- अब एनर्जी एफिशेन्सी सर्विसेज लि. द्वारा प्रदेश में 1 करोड प्री पेड व 40 लाख स्मार्ट मीटर खरीदे जा रहे हैं उसकी क्वालिटी भगवान भरोसे मानक बता रहे है कि चायनीज कम्पनियाॅं होंगी हावी
- हर घर में यदि गये 10 एलईडी बल्ब गये तो 4 हो गये घटिया क्वालिटी का शिकार ऐसे में कैसे होगा ऊर्जा संरक्षण इस पर कोई बोलने को तैयार नही
लखनऊ 14 दिसम्बर। आज ’’राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’’ के अवसर पर जब पूरे देश में बिजली बचाने की बात हो रही है वहीं दूसरी ओर यह कोई समझने को तैयार नही है कि बिजली बचाने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा संचालित एनर्जी एफिशेन्सी सर्विसेज लि, (ईईएसएल) द्वारा जो एलईडी बल्ब पूरे देश मेें बंटवाये जा रहे हैं उसकी क्वालिटी बेहद घटिया है। अगर किसी उपभोक्ता के घर में 10 एलएडी बल्ब लगे तो उसमें से अब तक 3 से 4 बल्ब खराब हो गये। जो सिद्ध करता है कि घटिया क्चालिटी के चलते 30 से 40 प्रतिशत एलईडी बल्ब लगने के बाद उतर गये। ऐसे में केन्द्र सरकार चुप क्यों? 1 अगस्त 2017 को पूरे देश के 38 राज्यों में 25 करोड 28 लाख बल्ब बेचे गये जिससे 32 हजार 848 मिलियन यूनिट बिजली बचत आंकी गयी। केवल उप्र में 1 करोड 96 लाख 68 हजार बल्ब बेचे गये, जिससे लगभग 2543 मिलियन यूनिट बिजली बचत आॅंकी गयी लेकिन यह कोई देखने को तैयार नही है कि जो एलईडी बल्ब पूरे देश में बेचे गये घटिया क्वालिटी के चलते उसमें से 30 से 40 प्रतिशत एलईडी बल्ब खराब हो गये। ऐसे में ईईएसएल के खिलाफ केन्द्र सरकार कब कार्यवाही करेगा?
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ग्रामीणों की बिजली दरों में लगभग 67 से 150 प्रतिशत व किसानों की 50 प्रतिशत वृद्धि पर तंज कसते हुए कहा कि इसी तरह बिजली दर बढती रही आने वाले समय में आम जनमानस बिजली लेने लायक ही नही बचेगा फिर केन्द्र व उप्र सरकार बिजली बचाकर अपनी पीठ थपथपाती रहे और ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाती रहे। सबसे बडा सवाल यह है कि ग्रामीण अनमीटर्ड दुकानदार पहले जिससे रू0 600 प्रतिकिलोवाट लिया जाता था अब उससे रू0 1000 प्रति किलोवाट वसूला जायेगा। ऐसे में मिनिमम चार्ज कवर करने के लिये न चाह कर भी उपभोक्ता को बिजली बचत के बजाय बिजली खर्च करनी पडंेगी। यह कहना गलत नही होगा कि मिनिमम चार्ज कवर करने के लिये उपभोक्ता बिजली का दुर्पयोग करेगा। क्या यही ऊर्जा संरक्षण की नीति है?
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा एनर्जी एफिशेन्सी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) द्वारा बेचे गये घटिया एलईडी बल्ब का शिकार पूरा देश हो रहा है आने वाले समय में उप्र में इसी केन्द्रीय एजेन्सी द्वारा उप्र में 1 करोड प्री पेड मीटर व 40 लाख स्मार्ट मीटर खरीदे जा रहे हैं उसका क्या हाल होगा भगवान ही मालिक। अभी से जो तथ्य सामने आ रहे हैं प्री पेड व स्मार्ट मीटर के मानक जिस तरह तैयार किये जा रहे हैं उससे तय है कि एक बार फिर चाइनीज कम्पनियाॅं उप्र के घर घर में मीटर के रूप में पहुच जायेंगी। सबसे बडा दुर्भाग्य यह है कि इन सब मामलों पर चुप्पी साधे पावर कारपोरशन प्रबन्धन मौन बना है।