- देश के ऊर्जा क्षेत्र में उपभोक्ताओं के हित में कार्य करने वाली अनेकों संस्थाओं ने आज गिरि संस्थान लखनऊ में एक मंच पर आकर विद्युत उपभोक्ताओं में जागरूकता फैलाने के लिये साझा कार्यक्रम की योजना बनाने पर की चर्चा।
- कट्स इन्टरनेशनल, जयपुर ने वर्कशाप का किया आयोजन, जिसमें उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने विद्युत उपभोक्ताओं के हितों में की विस्तार से चर्चा और आगे कार्ययोजना पर की बात।
- बहुत जल्द ही प्रदेश के उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता फैलाने हेतु चलेगा पूरे प्रदेश में साझा अभियान।
ग्रामीण व कृषि की बिजली दरों में व्यापक वृद्धि प्रस्ताव पर सभी ने जतायी नाराजगी।
लखनऊ 22 अगस्त। पूरे देश में विद्युत उपभोक्ताओं के बीच में काम कर रही कट्स इन्टरनेशनल संस्था, जयपुर के तत्वाधान में आज प्रदेश के ऊर्जा वितरण क्षेत्र को आगे बढ़ाने, प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं का ससमय समाधान कराने, उदय स्कीम को सफल बनाने के लिये एक आपसी बातचीत हेतु गिरि विकास अध्ययन संस्थान, अलीगंज में गिरि संस्थान के निदेशक प्रो. सुरेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में एक वर्कशाप का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की अनेकों समस्याओं, बिजली दर प्रस्ताव, एटीसी लाॅस, उत्पादन व पारेषण के क्षेत्र में उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया गया। जिसमें उप्र सहित देश के ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले अनेकों प्रतिष्ठित संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
सर्वप्रथम सेन्टर फार एनर्जी इन्वायरमेंट एण्ड रिसर्च के कार्यकारी निदेशक डा. अश्विनी के. स्वैन व कट्स इन्टरनेशनल की वरिष्ठ रिसर्च एसोसिएट कनिका बलानी ने प्रदेश के ऊर्जा सेक्टर में उपभोक्ताओं में जागरूकता पैदा कर उनके अधिकार को उन्हें दिलाने के लिये आने वाले समय में भावी कार्य योजना पर चर्चा करते हुए उसमें सभी के विचार आमंत्रित किये। आने वाले समय में प्रदेश में अनेकों वर्कशाप का आयोजन कर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं में घर-घर जागरूकता फैलाने की कार्ययोजना पर एक भावी रणनीति तैयार की जायेगी। प्रदेश में ग्रामीण व कृषि क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं की प्रस्तावित वृद्धि पर सभी ने जतायी नाराजगी।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के हितों के लिये लम्बे समय से संघर्षरत उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व विश्व ऊर्जा कौंसिल के स्थायी सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र पर विस्तार से चर्चा करते हुए वितरण पारेषण व उत्पादन सहित आगामी विद्युत दर प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा करते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उपभोक्ता परिषद के लम्बे संघर्ष के बाद उप्र देश का पहला राज्य है जहां पर वितरण व उपभोक्ता सेवा के क्षेत्र में सुलभ कानून नियामक आयोग द्वारा बनवाया गया। निश्चित ही आज उसका लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है। उदय स्कीम की सफलता के पहले इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि जिन कन्सल्टेन्टों की रिपोर्ट पर कम्पनियां आगे बढ़ रही हैं, क्या उसके आधार पर ऊर्जा क्षेत्र में सुधार हो सकता है। प्रदेश में विगत दिनों ग्रामीण व किसानों जिनके लिये बिजली एक आवश्यकता है। उनकी बिजली दरों में 260 से 350 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गयी, क्या यह उचित है? प्रदेश का किसान व ग्रामीण सबके लिये अनाज दाल, चावल आदि सस्ती दरों पर पैदा करता है, क्या उसे उप्र सरकार की सब्सिडी बढ़ाकर सस्ती बिजली मिलने का अधिकार नहीं है?
वर्कशाप की अध्यक्षता करते हुए गिरि संस्थान के निदेशक प्रो0 सुरेन्द्र कुमार ने प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता फैलाने के लिये सभी को एकजुट होकर अपना योगदान देने की बात कही गयी। प्रो0 सुरेन्द्र कुमार द्वारा एटीसी हानियों को कम कर 100 प्रतिशत मीटरिंग की वकालत की गयी।
कार्यक्रम में भाग लेते हुए दिल्ली से आये कौंसिल आॅन एनर्जी इन्वायरमेंट एण्ड वाटर के प्रोग्राम एसोसिएट एम0 कपार्धी भारद्वाज, गिरि संस्थान के कोआर्डिनेटर पब्लिक हेल्थ एण्ड ऊर्जा डा. सीएस वर्मा, डा. बबिता श्रीवास्तव, डा. शिवानी सिंह, कन्ज्यूमर गिल्ड के अध्यक्ष श्री अभिषेक श्रीवास्तव, अनुपम श्रीवास्तव, अवध उपभोक्ता हित संरक्षण समिति के अध्यक्ष श्री लवी तिक्खा, विज्ञान फाउण्डेशन से श्री तेजराम भारती इण्डियन नेशनल कन्ज्यूमर फेडरेशन के रोहित शुक्ला आदि ने अपने विचार रखे।