- उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री से की मांग सरकार यदि गरीबों व किसानों की हितौषी है तो आयोग को विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 108 के तहत दे निर्देश
- पावर कार्पोरेशन का जल्द बिजली दरे बढ़वाने का आयोग पर दबाव
- उपभोक्ता परिषद की आयोग से मांग दबाव में प्रस्ताव स्वीकार तो होगा आन्दोलन
- भारतीय जनता पार्टी के घोषण पत्र में भी रू.3 प्रति यूनिट में आम जनता को बिजली देने की बात कही गयी
लखनऊ 25 अगस्त। उपभोक्ता परिषद ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि यदि राज्य सरकार सचमुच शहरी व ग्रामीण जनता एवं बीपीएल वर्ग व किसानों की हितैषी है तो पावर कार्पोरेशन द्वारा प्रस्तावित बिजली दर वृद्धि स्वीकार कराने के लिये जो नियामक आयोग पर दबाव बना रहा है मामले में ततकाल हस्तक्षेप करें और उत्तर प्रदेश की जनता के हित की रक्षा करें। ज्ञात हो कि भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने घोषणा पत्र में भी रू. 3 प्रति यूनिट कि दर से आम जनता को बिजली देने की बात कही है ।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि पावर कार्पोरेशन द्वारा प्रस्तावित बिजली दर में घरेलू व ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में वर्तमान 260 से 350 प्रतिशत की वृद्धि करने कि बात कही गई है जो कि यह एक आम जनता के साथ सरासर खिलवाड़ है। आम उपभोक्ताओं के हितों से कारपोरेशन को कोई लेना देना नही है।उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इसी तरह शहरी ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में 260 से 350 प्रतिशत की वृद्धि इस बात को दर्शाती है कि आम उपभोक्ताओं से घरेलू बीपीएल के लगभग 10 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को 100 यूनिट में सीमित करने की बात की जा रही है । वर्तमान में 50 यूनिट तो कोई भी 2 कमरे में रहने वाला गरीब उपभोक्ता यदि 60 वाट के दो पंखे इस गर्मी में 12 घन्टे उपयोग कर लेगा तो उसकी 43 यूनिट पूरी हो जायेगी ऐसे में 100 यूनिट में गुजारा कहां से होगा। पिछले कई वर्षों में पहले जो बीपीएल के लिये 1 किलो वाट 100 यूनिट था उसे बढ़ाकर वर्तमान में 1 किलो वाट 150 यूनिट किया गया परन्तु अब उसमें बढ़ोत्तरी के बजाये उसमें घटोत्तरी करना कहां का न्याय है। निश्चित ही गरीबों को पावर कार्पोरेशन लालटेन यूग में ले जाने की तैयारी कर रहा है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने सरकार पर तंज कसते हुये कहा कि पावर कार्पोरेशन की इन सब कार्यवाहियों से लगातार सरकार की छवि धूमिल हो रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि उप्र सरकार कब पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन पर अपनी निगाह दौड़ायेगी। आयोग से उपभोक्ता परिषद मांग करता है कि दबाव में कोई कार्यवाही न की जाये अन्यथा होगा आन्दोलन।
ग्रामीणों की बिजली दरों में 360% तक इजाफा कराने के लिये हो रहा षडयंत्र: उपभोक्ता परिषद
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