- पावर कारपोरेशन द्वारा नियम विरूद्ध बिजली कनेक्शन जोडने व काटने की दरों में प्रस्तावित 3 गुना वृद्धि पर उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आयोग अध्यक्ष के साथ की बैठक और दाखिल किया जनहित प्रत्यावेदन
- आयेाग अध्यक्ष श्री एस के अग्रवाल का आश्वासन विद्युत अधिनियम 2003 के प्राविधानानुसार बिजली दर बढोत्तरी पर सार्वजनिक सुनवाई अंतिम दौर में ऐसे में पावर कारपोरेशन के कनेक्शन जोडने व काटने के बढोत्तरी प्रस्ताव पर फिलहाल आयोग नही करेगा कोई विचार
- उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का ऐलान कल 12 अक्टूबर को बिजली दर की सार्वजनिक सुनवाई में बिजली कम्पनियों की खोलेंगे पोल और आयोग को सौंपेंगे साक्ष्य जो स्वतः सिद्ध करेंगे बढोत्तरी पूरी तरह खारिज करने योग्य
लखनऊ 11 अक्टूबर। पावर कारपोरेशन द्वारा 2 दिन पूर्व प्रदेश में व्यापक बिजली दर बढोत्तरी पर चल रही सुनवाई के अंतिम दौर में संयोजन जोडने व काटने की दरों में 3 गुना से ज्यादा प्रस्तावित नियम विरूद्ध वृद्धि के खिलाफ उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आज नियामक आयोग अध्यक्ष श्री एस के अग्रवाल से लम्बी बैठक कर एक जनहित प्रत्यावेदन सौंपा और यह मुददा उठाया कि विद्युत अधिनियम 2003 के प्राविधानों के अनुसार जब बिजली दर बढोत्तरी पर सुनवाई अंतिम दौर में है उस दौरान पावर कारपोरेशन द्वारा गुपचुप तरीके से संयोजन जोडने व काटने की दरों में दिया गया वृद्धि प्रस्ताव पूरी तरह असंवैधानिक व नियम विरूद्ध है। इसे आयोग द्वारा अविलम्ब खारिज किया जाये। पूर्व में भी कुछ मुददों पर पावर कारपोरेशन द्वारा इस प्रकार की कार्यवाही टैरिफ सुनवाई की प्रक्रिया के बीच में की गयी थी जिसे उस दौरान आयेाग द्वारा अस्वीाकर कर दिया गया था।
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री एस के अग्रवाल ने उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष द्वारा दाखिल जनहित प्रत्यावेदन पर वार्ता के दौरान उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को यह आश्वासन दिया गया कि नियामक आयेाग विद्युत अधिनियम 2003 के प्राविधानों के अनुसार बिजली दर बढोत्तरी की सुनवाई कर रहा है और सुनवाई अंतिम दौर में है। ऐसे में बिजली कनेक्शन जोडने व काटने की दरों में पावर कारपोरेशन द्वारा प्रस्तावित वृद्धि पर आयोग फिलहाल कोई भी विचार नही करेगा।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कल 12 अक्टूबर को पावर कारपोरेशन द्वारा ग्रामीण किसानों व आम जनता की दरों में प्रस्तावित व्यापक बिजली दर वृद्धि पर नियामक आयेाग द्वारा आयोजित सार्वजनिक सुनवाई किसान मण्डी भवन में उपभोक्ता परिषद द्वारा अनेको तथ्य साक्ष्यों के साथ पेश किये जायेंगे जो सिद्ध कर देंगे कि बिजली कम्पनियों द्वारा प्रस्तावित वृद्धि खारिज करने योग्य है।
गौरतलब है कि पावर कारपोरेशन द्वारा 2 दिन पूर्व संयोजन जोडने व काटने की दरों में कई गुना वृद्धि प्रस्तावित करते हुए वर्तमान में रू0 150 की दर को रू0 500 प्रस्तावित कर दिया गया और साथ ही उसमें यह भी जोड दिया गया कि यदि उपभोक्ता का कनेक्शन 1 बार के बाद कभी पुनः कटता है और जोडा जायेगा तो उसमें हर बार अतिरिक्त रू0 250 और जोड दिया जायेगा। यदि 3 बार ऐसी स्थिति आयी तो यह फीस स्वतः रू0 1000 हो जायेगी। इसी प्रकार 100 बीएचपी व 75 किलोवाट के ऊपर विद्युत उपभोक्ताओं की जो फीस अभी तक रू0 500 थी उसे रू0 1000 प्रस्तावित कर दिय गया और उसी प्रकार 100 बीएचपी और 75 किलोवाट के नीचे जो फीस रू0 275 थी उसे रू0 500 प्रस्तावित कर दिय गया था जिसको लेकर उपभोक्ता परिषद ने विरोध शुरू कर दिया था।