- उपभोक्ता परिषद द्वारा आयोजित प्रादेशिक वेबीनार में बडी संख्या में विद्युत उपभोक्ताओं ने उठाई मांग
- प्रदेश के उपभोक्ताओं की मांग 1912व अन्य माध्यमों से शिकायतों का निस्तारण बिना किए ही हो रहा है निस्तारण इसलिए जब विद्युत उपभोक्ताओं की हो चुकी है केवाईसी तो ओटीपी सिस्टम से हो शिकायतों का हो निस्तारण ओटीपी नंबर के बाद ही शिकायतें हो बंद
लखनऊ, 27 जनवरी: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को जागरूक करने और उनकी समस्याओं को जानने के लिए चलाई जाने वाले साप्ताहिक वेबीनार में आज लोग बडी संख्या में जुडे। विद्युत उपभोक्ताओं ने मांग उठाई कि उत्तर प्रदेश में भी दूसरे राज्यों की तरह रोस्टर सिस्टम समाप्त की जानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कंज्यूमर रूल 2020 का कानून भारत सरकार द्वारा बनाए जाने के बाद उसकी धारा 10 में पूरी तरह यह प्रावधानित है कि सभी राज्यों को ग्रामीण व शहरी यानी सभी विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति करना है ऐसे में उत्तर प्रदेश में ग्रामीण के लिए जो रोस्टर 18 घण्टे का है वह पूरी तरह नियमों के खिलाफ है अब इसे अभिलंब समाप्त किया जाना चाहिए इस पर लगातार प्रबंधन से बात हो रही है और विद्युत नियामक आयोग में भी उपभोक्ता परिषद की तरफ से प्रस्ताव दाखिल किया जा चुका है। रूल के मुताबिक विद्युत आपूर्ति नाथ दिए जाने पर मुआवजा का भी नियम है जिस पर पावर कॉर्पोरशन प्रबंधन को अभिलंब अमल करना चाहिए। सही मारे में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत तभी बढेगी जब बडी संख्या में प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाए।
वेबीनार में जुडे बलिया से एक विद्युत उपभोक्ता पवन प्रजापति, नोएडा से विनोद कुमार गुप्ता, प्रतापगढ से अनुराग माही ने यह मांग की कि पूरे प्रदेश में आईजीआरएस सहित अन्य माध्यम से जो उनकी शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है वह पारदर्शी नहीं है ज्यादातर मामलों में शिकायतें बनी रहती हैं इसके बावजूद भी उसे निस्तारित कर मैसेज भेजा जाता है ऐसे में जब पूरे प्रदेश के लगभग 3 करोड से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं की केवाईसी बिजली कंपनियों ने करा ली है तो सभी 1912 यह अन्य माध्यमों से प्राप्त उपभोक्ता शिकायतों का निस्तारण बिना ओटीपी के ना किया जाए इसलिए बिजली कंपनियां ओटीपी सिस्टम को लागू करें जिससे सही मायने में शिकायतों का निस्तारण हो पाए। उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर पर ओटीपी स्वत जनरेट हो उसको भरने के बाद ही शिकायतों का हो निस्तारण।