नई दिल्ली: हेल्थआर्क द्वारा आयोजित आरडब्ल्यूईसर्च एंड हेल्थ इनोवेशन समिट 2025 तीन दिन तक चला और शानदार ढंग से समाप्त हुआ। इस समिट में 13 देशों के 2,800 से ज्यादा लोग, 62 विशेषज्ञ वक्ता और 42 बड़े संगठन शामिल हुए। इसने भारत, मध्य पूर्व, अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा में नए बदलावों पर चर्चा का मंच प्रदान किया।
बता दें कि समिट का उद्घाटन तेलंगाना के मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने किया। उन्होंने कहा, “यह समिट स्वास्थ्य सेवा और तकनीक में बदलाव के लिए सही समय पर आयोजित हुआ है। हेल्थआर्क ने वैश्विक विशेषज्ञों को एकजुट कर शानदार काम किया।” पूर्व राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने एक विशेष सत्र में वैश्विक बदलावों और उनके स्वास्थ्य सेवा पर प्रभाव की बात की। वहीं, स्विट्ज़रलैंड के श्री आदित्य येलिपेड्डी ने भारतीय वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) की नवाचार में भूमिका पर जोर दिया।
एक खास सत्र में नोवो नॉर्डिस्क, ब्रिस्टल मायर्स स्क्विब, रोश और थर्मो फिशर जैसे बड़े संगठनों के विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और स्वचालन स्वास्थ्य अनुसंधान, नैदानिक परीक्षण और मरीजों की देखभाल को बेहतर बना रहे हैं।हेल्थआर्क के संस्थापक डॉ. पूरव गांधी और सह-संस्थापक श्री सुदीप कृष्णा के नेतृत्व में 25 सत्रों में एआई, डिजिटल स्वास्थ्य और वास्तविक विश्व साक्ष्य (आरडब्ल्यूई) पर चर्चा हुई।
इन सत्रों में बताया गया कि एआई कैसे नैदानिक परीक्षणों को तेज कर रहा है, डेटा की गुणवत्ता सुधार रहा है और मरीजों की भर्ती बढ़ा रहा है। साथ ही, डेटा में पक्षपात और नियामक चुनौतियों जैसे मुद्दों पर भी बात हुई।
यह समिट भारत को वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करने और मरीज-केंद्रित देखभाल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहा। इसने डेटा, तकनीक और सहयोग के जरिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया।