मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हाथरस यात्रा से दो तथ्य स्पष्ट हुए। पहला यह कि राहत और बचाव कार्य सरकार की प्राथमिकता में है। दूसरा यह कि घटना की जांच से तह तक पहुंचने का कार्य किया जाएगा। वस्तुत: यह तथ्य योगी आदित्यनाथ की चिर परिचित कार्यशैली को रेखांकित करते हैं। वह पीड़ित लोगों के प्रति संवेदनशील रहते हैं। इसके साथ ही घटना की व्यापक जांच हेतु भी प्रभावी निर्णय करते हैं। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक मृतक के परिवारजनों को कुल चार लाख रुपये तथा गम्भीर रूप से घायल व्यक्ति को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत हादसे का शिकार हुए लोगों के नाबालिग बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में घटना की न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को घायलों का समुचित उपचार करने के निर्देश देते हुए कहा कि दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के इलाज में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। प्रशासन प्रथम दृष्टया यह मानकर चलता है कि धार्मिक आयोजनों में उनके सेवादार आयोजन की जिम्मेदारी निभाएंगे। सावधानीवश वहां पर फोर्स भी तैनात रहती है, लेकिन वह आउटर रिंग में होती है। अन्दर की पूरी व्यवस्था का संचालन स्वयंसेवक या सेवादार ही करते हैं। इस प्रकार के आयोजनों में सेवादार प्रशासन को अन्दर घुसने नहीं देते।
जहां भी लोग धार्मिक और आध्यात्मिक श्रद्धाभाव से आते हैं, वहां भीड़ अनुशासित होती है। लेकिन जब यही कार्यक्रम निहित स्वार्थी तत्वों के हाथों का खिलौना बन जाता है तो वहां अनुशासनहीनता हो जाती है। इसका शिकार निर्दोष व्यक्ति होते हैं, क्योंकि उन्हें साजिश के बारे में पता नहीं होता। साजिश करने वाले लोग चुपचाप खिसकने का प्रयास करते हैं। होना यह चाहिए था कि अगर हादसा था, तो पहले सेवादारों को अपनी व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए था। यदि वह अपनी व्यवस्था सुदृढ़ नहीं कर पा रहे थे तो प्रशासन का सपोर्ट लेकर हादसे के शिकार लोगों को हॉस्पिटल पहुंचाने की व्यवस्था तथा उपचार की व्यवस्था करनी चाहिए थी। जबकि हादसे में लोग मरते गए और सेवादार वहां से खिसक कर भाग गए। इसलिए हम इस घटना की तह में जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एडीजी आगरा की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की है। जिसने अभी अपनी प्रारम्भिक रिपोर्ट दी है। बहुत सारे ऐसे पहलू हैं जिनकी जांच होना अत्यन्त आवश्यक है।