फाइनल में दी नोजोमी ओकुहारा को करारी शिकस्त
बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतकर बनी पहली भारतीय महिला ने इतिहास रचते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया कर दिया, उनके इस कारनामे से खेलप्रेमियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशंसा के साथ बधाईओं की झड़ी लगा दी।
बता दें कि स्विट्ज़रलैंड के बसेल में पी वी सिंधू रविवार को खेले जा रहे बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप के एकतरफा फाइनल में जापान की प्रतिद्वंद्वी नोजोमी ओकुहारा को हराकर स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गयीं।
इस फाइनल मुकाबले में रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता भारतीय खिलाड़ी ने 38 मिनट में 21-7 21-7 से आसान जीत दर्ज की।
सिंधू ने इसके साथ ही दो साल पहले इस टूर्नामेंट के फाइनल में ओकुहारा से मिली हार का बदला भी ले लिया.
बता दें कि हैदराबादी खिलाड़ी ने 40 मिनट तक चले सेमीफाइनल में चीन की दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी चेन यु फेई को 21-7 21-14 से शिकस्त दी थी।
चौबीस साल की भारतीय खिलाड़ी अब रविवार को थाईलैंड की 2013 की विश्व चैम्पियन रतचानोक इंतानोन और जापान की 2017 की विजेता नोजोमी ओकुहारा के बीच होने वाले मुकाबले की विजेता से भिड़ीं थीं।
ओलंपिक रजत पदकधारी सिंधू का मैच से पहले चेन के खिलाफ रिकार्ड 5-3 का था।
उन्होंने शुरू में तेजी से बढ़त बनायी। सिंधू ने तेज तर्रार शाट से कमजोर रिटर्न का फायदा उठाया और अपनी प्रतिद्वंद्वी को पस्त किया था।
सिंधू का यह पांचवां पदक:
विश्व चैम्पियनशिप में सिंधू का यह पांचवां पदक है। पदकों की संख्या के मामले में सिंधू ने चीन की पूर्व ओलंपिक चैम्पियन झांग निंग की रिकार्ड की बराबरी की। सिंधू ने दो कांस्य पदक के साथ टूर्नामेंट के पिछले दो सत्र में दो रजत पदक भी हासिल किया है।
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