869 सारस मिले, अछल्दा और आसपास के इलाके में वन विभाग करा रहा सर्वे
लखनऊ। प्रदेश में अब सारस के संरक्षण और संवर्धन पर भी खास ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए औरैया में पहला सारस संरक्षण केंद्र बनाने की तैयारी है। वन एवं वन्यजीव विभाग ने औरैया की अछल्दा रेंज और आसपास के इलाके में सारसों की गणना के निर्देश भी दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सारस जोड़ों में रहने वाले पौराणिक व आकर्षक जीव हैं। एटा, इटावा, मैनपुरी और औरैया में सारस बहुतायत में पाए जाते हैं। लेकिन, प्रदेश में इनके लिए कोई विशिष्ट स्थान आरक्षित नहीं हैं, जहां इनके संवर्धन और संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए।
साथ ही पर्यावरण से जोड़कर इनके व्यवहार के बारे में अध्ययन हो। इसलिए वन प्रभाग औरैया के अछल्दा रेंज को केंद्र मानते हुए आसपास के क्षेत्र को सारस केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।
Saras Bird's Gondia….! pic.twitter.com/8QtNQ9Xs6c
— swap_nimkar (@NimkarSwap) February 8, 2022
अब तक अछल्दा रेंज में 869 सारस मिले हैं। इसके अलावा इस वन प्रभाग की औरैया रेंज, अजीतमल और विधूना रेंज में भी सारस अच्छी खासी संख्या में हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अछल्दा और आसपास के जंगलों में सारस की गणना के निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि वहां सारस केंद्र बनाने के औचित्य के साथ रिपोर्ट शासन को भेजी जा सके।