वो कर्तव्य परायण
चल रही अग्निपथ पे।
बिना किसी भय के
हर व्यवधान पार करके।।
संगठन की जड़ों को
अपने पसीने से सींचती।
वह नेक दिल है सदा से,
अपनी ओर बरबस ही खींचती।।
उद्देश्य नेक रखकर,
उद्देश्य एक रखकर।
वो कर्तव्य परायण
चल रही अग्निपथ पे।।
नैतिकता के आकाश में
है सूरज सी ख्याति उनकी।
चहुंओर फैले खुशबू ‘कमल’ की,
रहे अनवरत, वो हर जतन से लगीं।।
महिलाओं के हक के लिए।
वो हर पल हैं खड़ी,
वो हर पल हैं अड़ीं।।
वो राष्ट्रवाद की रोशनी।
वो धर्मपरायण शेरनी।।
ख्याति इतनी है जिनमें,
वो महिला हितों की ज्योति।
वो है भाजपा की नेत्री,
वो है लोकप्रिय स्वाति।।
- राहुल कुमार गुप्ता