पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने उठाई मांग कहा जब बिना आरक्षण के लिटरल एंट्री की व्यवस्था को केंद्र सरकार ने लिया वापस तो फिर बिजली निगम में 17 निर्देशकों के रिक्त पदों में दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के लिए बिना आरक्षण के उसे भी किया जाए निरस्त आरक्षण लागू कर नए सिरे से जारी हो विज्ञापन
लखनऊ 21 अगस्त: उत्तर प्रदेश पॉवर ऑफिसर एसोसिएशन की लडाई अंततः रंग लाई जहां पॉवर कारपोरेशन ने अधीक्षण अभियंता से मुख्य अभियंता की पदोन्नति संबंधी आदेश जारी कर दिया है वहीं दूसरी तरफ बिजली कंपनियों में 17 निर्देशकों के रिक्त पडे पदों की भर्ती की अंतिम तिथि जो 20 अगस्त थी संगठन उसे जब तक मुख्य अभियंता के पदों की पदोन्नति न हो जाए तब तक बढाने की मांग कर रहा था अंतत आज निर्देशकों के पदों पर आवेदन करने के लिए अंतिम तिथि को 7 दिन आगे बढा दी गई है 1959 में गठित राज्य विद्युत परिषद में पहली बार ऊर्जा क्षेत्र में आठ मुख्य अभियंता लेवल 2 और एक मुख्य अभियंता लेवल 1 यानी कि कुल 9 दलित मुख्य अभियंता बने हैं जो अभी तक का रिकॉर्ड है सबसे बडी बात यह है की सभी मुख्य अभियंता बिना आरक्षण के पदोन्नति पाने वाले हैं। संगठन ने पावर कारपोरेशन में नवनियुक्त सभी मुख्य अभियंताओं को बधाई दी है।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा विगत दिनों केंद्र सरकार द्वारा लैटरल एंट्री में आरक्षण की व्यवस्था न होने के चलते माननीय प्रधानमंत्री जी के हस्तक्षेप के बाद सभी लैटरल एंट्री वाले लगभग 45 पदों की भर्ती को निरस्त कर दिया गया ऐसे में पावर ऑफिसर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की, कि बिजली निगम में जो 17 निर्देशकों के पद निकाले गए हैं उसमें भी आरक्षण की व्यवस्था नहीं लागू है इसलिए उसे निरस्त कर अनुसूचित जाति जनजाति व पिछले वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के बाद पुनः निर्देशकों के पद का विज्ञापन निकाला जाए जिससे दलित व पिछले वर्ग के अभियंताओं के साथ न्याय हो सके।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष के बी राम कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर महेंद्र सिंह महासचिव अनिल कुमार सचिव आरपी केन संगठन सचिव देवेंद्र पचोरिया अनिल कुमार ने अपने बयान में कहा की पावर कारपोरेशन ने निर्देशकों के पदों की डेट को आगे बढाया मुख्य अभियंताओं की पदोन्नति लिस्ट जारी की उसके लिए उनका आभार है लेकिन कुछ दलित अभियंता ऐसे हैं जिनको आज तक न तो चार्ज सीट दी गई और 25 साल पुराने मामले में उन्हें फंसा कर मुख्य अभियंता न बनने की जो साजिश की जा रही है उस पर भी प्रबंधन को पुनर्विचार करना चाहिए और भी जो ऐसे मामले हो जिसमें दलित अभियंताओं के साथ न्याय हो सके उनके मामलों पर भी गौर करना चाहिए।
संगठन ने कहा पावर कारपोरेशन में जो क्रीडा अधिकारी सीनियर हो जाते है उनको वरिष्ठ क्रीडा अधिकारी के पद पर तैनात किया जाता है लेकिन एक दलित क्रीडा अधिकारी जब वरिष्ठ क्रीडा अधिकारी के पद के लिए पूरी तरीके से योग्य है उसका आदेश आज तक जारी नहीं किया गया ऐसे में प्रबंधन को इस दिशा में भी विचार करना चाहिए कि यदि पहले से या व्यवस्था चली आ रही है तो वर्तमान में यदि दलित क्रीडा अधिकारी वरिष्ठ क्रीडा अधिकारी के पद के लिए योग्य है तो उसे उसका हक मिलना चाहिए।