डॉ दिलीप अग्निहोत्री
योगी सरकार पिछले कार्यकाल के दौरान सुशासन की स्थापना में सफल रही थी। इस पर सतत अमल जारी रखने का उन्हें जनादेश भी मिला है। सुशासन का क्षेत्र व्यापक होता है। इसके अनेक पहलू होते है। पांच वर्ष में योगी सरकार ने सुशासन से संबंधित सभी मोर्चों पर शानदार प्रदर्शन किया। उपलब्धियों के आधार पर अनेक रिकार्ड कायम हुए। पिछली कई सरकारों की कुल उपलब्धियां बहुत पीछे छूट गई है। पहले योजनाओं के क्रियान्वयन में राष्ट्रीय स्तर पर यूपी का कोई स्थान नहीं रहता था। अब पचास योजनाओं में यूपी नम्बर वन है। विकास के कई बिंदुओं पर तो योगी सरकार का एक कार्यकाल सत्तर वर्षों पर भारी है। आमजन ने इसको मतदान के द्वारा अपनी स्वीकृति प्रदान की है। इससे सरकार का मनोबल बढ़ा है।
कहा जाता है कि सकारात्मक प्रतिस्पर्धा से बेहतर परिणाम मिलते है। किंतु योगी सरकार ने एक ही कार्यकाल में पिछली सरकारों के मुकाबले बढ़त बनाई है। ऐसे में उसकी प्रतिस्पर्धा अब उन सरकारों से संभव ही नहीं है। उन्हें बहुत पीछे छोड़ कर योगी सरकार आगे निकल चुकी है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ ने अपनी ही पिछली सरकार से प्रतिस्पर्धा का संकल्प लिया है। इसका मतलब है कि वह अपने द्वारा पांच वर्षों में कायम हुए विकास के रिकार्ड को पीछे छोड़ देंगे।
उन्होंने कहा कि अब सुशासन को और सुदृढ़ करने के लिए स्वयं से हमारी प्रतिस्पर्धा प्रारम्भ होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप नये भारत का नया उत्तर प्रदेश आकार ले रहा है। इस कार्य को और गति प्रदान की जाएगी।
योगी सरकार ने जन कल्याण के निर्णयों से अपनी दूसरी पारी का शुभारंभ किया। नई कैबिनेट ने निशुल्क राशन योजना को जारी रखने का निर्णय लिया। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सुशासन संबन्धी दिशा निर्देश दिए। इस प्रकार सरकार ने अपना मन्तव्य स्पष्ट कर दिया। कानून व्यवस्था की सुदृढ़ रखने के साथ ही विकास कार्यों में तेजी कायम रखी जायेगी। सरकार जन अकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार को गरीबों के प्रति समर्पित बताया था।
विगत सात वर्षों में गरीब कल्याण की अनेक योजनाओं को लागू किया गया। यह सभी योजनाएं उपलब्धियों की दृष्टि से अभूतपूर्व रही है। अस्सी करोड़ गरीबों तक किसी न किसी योजना का सीधा लाभ पहुंचा है। इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने भी केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं को सर्वाधिक प्रभावी रूप में क्रियान्वयन किया। पचास योजनाओं में उत्तर प्रदेश देश में नम्बर वन बन गया।
योगी सरकार ने पिछले कार्यकाल का शुभारंभ गरीब किसानों के ऋण मोचन के साथ किया था। यह ऋण मोचन की सबसे बड़ी योजना थी। दूसरे कार्यकाल की शुरुआत भी गरीब कल्याण के साथ हुई है।नव गठित योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में गरीबों के प्रति समर्पण व संवेदनशीलता दिखाई गई। इसकी जानकारी स्वयं योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों को दी। उन्होंने प्रदेश के पन्द्रह करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना को जारी रखने की घोषणा की है। चुनाव के दौरान विपक्ष का कहना था कि सरकार मार्च में ही यह योजना बन्द कर देगी। योजना की अवधि बढा कर सरकार ने विपक्ष को भी जबाब दिया है। सत्ता पक्ष के अनुसार वह चुनाव को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि जनकल्याण को ध्यान में रख कर निर्णय लेती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनेक बार यह कह चुके है कि देश व समाज की सेवा ही वर्तमान सरकार का उद्देश्य है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ भी इसी भावना से कार्य कर रहे हैं। लोकभवन में संपन्न कैबिनेट की पहली बैठक में औपचारिक निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नवगठित सरकार का पहला निर्णय पन्द्रह करोड़ गरीब जनता जनार्दन को समर्पित है।
यूपी की तर्ज पर भारत सरकार द्वारा भी महिलाओं के कल्याण एवं सशक्तीकरण के लिए मिशन शक्ति प्रारम्भ किया है। प्रदेश सरकार ने महिला पुलिस कर्मियों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी की है। महिला पुलिस कर्मियों को फील्ड कार्याें से जोड़ा गया है। महिला बीट अधिकारियों की तैनाती की गयी है। जो ग्राम स्तर पर समस्याओं के निस्तारण के साथ ही विभिन्न योजनाओं की जन जागरूकता का कार्य भी सम्पादित कर रही हैं। योगी ने सभी अधिकारी व कर्मचारी समय से कार्यालय में उपस्थित होकर जिम्मेदारी के निर्वाह का निर्देश दिया। लोगों की समस्याओं का संवेदनशील ढंग से समाधान करना चाहिए। ई ऑफिस सिस्टम सिटिजन चार्टर लागू करने के साथ ही विभागों के समस्त कार्याें का डिजिटलाइजेशन किया जायेगा।