उपभोक्ता परिषद ने मुख्यमंत्री से मांग की कहां- सपा सरकार में पावर कारपोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एपी मिश्रा के कार्यकाल के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष की गई थी जिसे योगी सरकार बनते ही लिया गया था वापस, इसके बाद किसने दिया प्रस्ताव उसके खिलाफ हो कठोर कार्रवाई
लखनऊ 31 जुलाई : प्रदेश की बिजली कंपनियों में 17 निर्देशकों के पदों पर विज्ञापन निकलने व उनकी अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष किए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह को भारत सरकार द्वारा बिजली कंपनियों के लिए जारी गाइडलाइन के आधार पर एक प्रस्ताव सौंपते हुए कहा बिजली कंपनियों में निदेशकों के पदों पर अधिकतम 65 वर्ष की आयु सीमा भारत सरकार द्वारा बनाई गई गाइडलाइन 27 अप्रैल 2023 के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का बडा सबूत है एक तरफ भारत सरकार ने कहा है कि बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति खराब होने और उसमें सुधार के लिए भारत सरकार ने एक अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर एक गाइडलाइन तैयार की है उसमें कोई भी बिजली कंपनियों का अब निर्देशक अधिकतम 60 वर्ष की अवधि तक ही काम कर सकता है यदि वह 58 वर्ष की उम्र में निदेशक बनेगा, तो उसे 2 वर्ष बाद यानी 60 वर्ष में अनिवार्य रूप से सेवा निर्मित होना होगा जब भारत सरकार की यह गाइडलाइन सभी राज्यों के बिजली निगमों पर बाध्यकारी है तो उत्तर प्रदेश में पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव पर कैसे बिजली निगमों के निदेशकों की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष की गई इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और इस पर आयोग को हस्तक्षेप करना चाहिए उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियां भारत सरकार की गाइडलाइन का हवाला देकर बिजली दरों में बदलाव चाहती है दूसरी तरफ भारत सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन अपने आप में गंभीर मामला है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों मे भ्रष्टाचार का यह सबसे बडा उदाहरण है एक तरफ बिजली कंपनियां एक लाख करोड के घाटे में जा रही हैं और दूसरी तरफ बिजली कंपनियों मे निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष की जा रही है जो पूरे भारत देश में किसी भी राज्य में नहीं है
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार में एक बार पावर कारपोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एपी मिश्रा की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष की गई थी जिसे उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही योगी सरकार ने खत्म कर दिया था और बाद में जब डीएचएफएल घोटाला हुआ तो उसमें यह मुद्दा काफी उठता रहा ऐसे में पावर कारपोरेशन के उन उच्चाधिकारियों की जांच होनी चाहिए जिन्होंने गलत तरीके से या प्रस्ताव ऊर्जा विभाग को भेजकर अनुमोदित करा लिया।
उपभोक्ता परिषद ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि यह एक बेहद ही गंभीर मामला है इस पर तत्काल हस्तक्षेप करें! उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन के कुछ उच्च अधिकारी इस प्रकार के प्रस्ताव बनाकर भ्रष्टाचार करना चाहते हैं इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए पहले लैटरल एंट्री में उच्च पदों पर भर्ती की गई और अब इस प्रकार की कार्यवाही की जा रही है, पावर कारपोरेशन में जो निर्देशक 60 वर्ष की आयु सीमा के ऊपर वर्तमान में काम कर रहे हैं उन्हें हटाया जाए और नए अभियंताओं को मौका दिया जाए इससे निश्चित तौर पर बिजली कंपनियों मे सुधार होगा।