पावर ऑफिसर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति की बैठक में फूटा गुस्सा
लखनऊ, 13 जनवरी: बिजली कंपनियों मे दलितों व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं को टारगेट कर प्रताड़ित करने की लड़ाई अब आर- पार होगी यह बात उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की बैठक से निकलकर सामने आयी। एसोसिएशन ने कहा यह मामला मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री तक भी पहुंचेगा। प्रताणित करने के मामले किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति की एक बैठक फील्ड कार्यालय में संपन्न हुई जिसमें सर्वसम्मत से यह प्रस्ताव पास किया गया कि बिना स्थानांतरण सत्र के दलित अभियंताओं को पूरे प्रदेश में टारगेट करके उनका स्थानांतरण किया जा रहा है, जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
स्थानांतरण सत्र खत्म हो जाने के बाद हुए 20 तबादले:
संगठन ने कहा स्थानांतरण सत्र खत्म हो जाने के बाद पिछले दो महीने के अंदर लगभग 20 दलित अधीक्षण अभियंताओं का तबादला किया गया जिसमें ज्यादातर अधीक्षण अभियंता पूरी तरह अपने कार्यों के प्रति सजग होकर शासन की नीतियों के तहत अपना परफॉर्मेंस दे रहे थे। इसके बावजूद भी उनका स्थानांतरण किया गया वर्तमान में राजधानी लखनऊ लेसा गाजियाबाद नोएडा और मथुरा सहित ट्रांसमिशन में कार्यरत दलित अधीक्षण अभियंताओं को टारगेट किया जा रहा है जिसको लेकर आज पावर ऑफिसर एसोसिएशन प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री और प्रदेश के माननीय ऊर्जा मंत्री से मुलाकात का समय लेकर उन्हें अवगत कराएगी।
स्थानांतरण किया जाना जांच का विषय: एसोसिएशन
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष एसपी सिंह, पीएम प्रभाकर, राजेश कुमार, महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिव नेकीराम, रामप्रीत प्रसाद, देवेंद्र पचोरिया, घनश्याम, मोतीलाल आनंद कनौजिया, सुशील कुमार, प्रभाकर घनश्याम दया निधि किंकर ने कहा कि बडे दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बिजली कंपनियों में दलित अभियंताओं को टारगेट करना पूरी तरह गलत है। हडताल के समय दलित अभियंताओं ने पूरे प्रदेश की बिजली व्यवस्था को संभाल कर उपभोक्ता सेवा को सुचार बनाए रखा और अब उन्हें टारगेट करके उनका स्थानांतरण किया जाना जांच का विषय है। संगठन जल्दी पूरे मामले पर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी और माननीय ऊर्जा मंत्री जी को पूरा ब्यूरो भेज कर अवगत कराएगा । फिलहाल प्रदेश के दलित व पिछडे वर्ग के अभियंताओं में काफी रोष व्याप्त है।