फर्जीवाड़ा कर मकान, पेट्रोल पंप खरीद जालसाज फरार
लखनऊ। आज के जमाने में अगर आप किसी पर भरोसा करते हैं तो दस बार सोचें क्योंकि अब लोग वैसे नहीं रहें जैसे पहले होते थे, वाकया देखिये। बैंक में चालू खाता खुलवाने के लिए विधि अधिकारी को गारंटर बनाया। इसके बाद सीसी लिमिट कराकर करोड़ों रुपये का लोन कराया। जिससे मकान, फ्लैट और पेट्रोल पंप खरीदे। ब्याज की रकम न देने पर बैंक ने नोटिस जारी की। इसके बाद गारंटर से वसूली करने के लिए बैंक ने उसकी संपत्ति को नीलामी में लगा दिया।
जानकारी होने पर पीड़ित ने पूरी जानकारी हासिल की। हकीकत सामने आने पर वजीरगंज थाने में कारोबारी और बैंक कर्मियों समेत 10 पर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। विपुलखंड निवासी रूपेंद्र कुमार सिंह हाईकोर्ट में विधि अधिकारी हैं। रूपेंद्र के मुताबिक, उनका परिचय जानकीपुरम सेक्टर- एफ निवासी विनय कुमार सिंह से था। उन्होंने विनय की फर्म साकेत कंस्ट्रक्शन को कई बार आर्थिक मदद भी की थी। मदद के रुपये विनय ने समय से वापस कर दिये। 2016 में विनय, उसके पिता और पत्नी ने कहा कि बड़ा ठेका मिल रहा है। फर्म को करीब 50 लाख रुपये की एक सीसी लिमिट खाता खुलवाना है। नहीं तो बड़ा नुकसान हो जाएगा । बताया कि उनके मकान का होमलोन चल रहा है। जो एक वर्ष में समाप्त हो जाएगा। फर्म के प्रस्तावित सीसी लिमिट खाते में गारंटर बन जाए तो एक वर्ष बाद रूपेंद्र के स्थान पर विनय के पिता फतेह बहादुर सिंह गारंटर बन जाएंगे। पुराने रिश्तों को ध्यान में रखते हुए रूपेंद्र सिंह ने विनय के फर्म का 50 लाख का सीसी लिमिट खाता 2016 में अपने चालू खाता वाले बैंक विजय बैंक (वर्तमान में बैंक ऑफ बड़ौदा ) सप्रू मार्ग में खुलवा दिया।
पांच साल बाद मकान नीलामी की तेज हुई प्रक्रिया
रूपेंद्र के मुताबिक, पांच वर्ष बाद 5 जुलाई 2021 को वह जिस मकान में रहते हैं। उसकी नीलामी की प्रक्रिया | तेज हुई। जानकारी होने पर किसी तरह रुकवाया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लगाकर बैंक को बताया कि वह गारंटर नहीं हैं। बैंक विनय व उनके परिजन की संपत्तियों को नीलाम करे। आरोपियों ने इस दौरान 2017 में | गोमतीनगर विस्तार में एक करोड़ रुपये का फ्लैट, 2020 में गोंडा के तरबगंज पकड़ी में तीन करोड़ का पेट्रोल | पंप खोला, वहीं 2021 में सुशांत गोल्फ सिटी में डेढ़ करोड़ रुपये का मकान बनवाया है।
10 साल बाद दर्ज हुआ केस
जालसाजी कर अपनी संपत्तियों को दूसरे के नाम पर स्थानांतरित करा दिया। इसके बाद भी बैंक ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं शुरू की। इसी बीच अक्टूबर 2024 में उनके मकान की नीलामी की प्रक्रिया दोबारा शुरू कर दी। जानकारी होने पर पीड़ति ने इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर से की। उनके आदेश पर मामले की जांच कराई गई। जिसमें फर्जीवाड़ा सही पाया गया। इंस्पेक्टर वजीरगंज दिनेश चंद्र मिश्रा के मुताबिक रूपेंद्र कुमार सिंह की तहरीर पर विनय कुमार सिंह, फतेह बहादुर सिंह, विनय की पत्नी, अनीता सिंह, रवींद्र सिंह, वीना सिंह, राघवेंद्र प्रताप सिंह, तनवीर अहमद, विजय कुमार सिंह व बैंक के कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।