- उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा इंट्रा स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम कनेक्टिविटी कानून -2023 पर आम जनता की सुनवाई संपन्न
- उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश की उपभोक्ताओं की तरफ से अपनी बात रखते हुए नियामक आयोग द्वारा बनाए जा रहे हैं कानून को बताया सराहनीय, कहा इससे जनरेटर की जवाब दे ही होनी तय सोलर रिन्यूएबल डाटा सेंटर सभी आएंगे कानून की जद में
लखनऊ, 03 जनवरी: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग इंट्रा स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम कनेक्टिविटी कानून -2023 में प्रस्तावित संशोधन के लिए आज उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष अरविंद कुमार सदस्य गण संजय कुमार सिंह एवं बीके श्रीवास्तव की उपस्थिति में संपन्न हुई। जिसमें पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के निदेशक पीयूष गर्ग सहित ट्रांसमिशन कारपोरेशन एसएलडीसी के अनेकों अधिकारी व उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष व कुछ प्राइवेट जेनरेटरों ने भाग लिया । उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष ने सभी बच्चों को सुनने के बाद कहा जल्द ही एक पारदर्शी और अच्छा कानून प्रदेश में लागू होगा।
गौरतलब है कि ट्रांसमिशन कनेक्टिविटी रेगुलेशन 2010 में बना था वर्तमान परिस्थितियों व ऊर्जा सेक्टर में बदलाव को देखते हुए लगभग 13 साल बाद कनेक्टिविटी रेगुलेशन में संशोधन के लिए प्रस्तावित व्यवस्था पर अपनी बात रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा निश्चित ही इस रेगुलेशन से आने वाले समय में पावर ट्रांसमिशन को मजबूती मिलेगी और वर्तमान में बैटरी स्टोरेज सिस्टम रिन्यूएबल डाटा पार्क सोलर जनरेटर को कनेक्टिविटी ट्रांसमिशन सिस्टम से बनाए रखने में काफी मदद मिलेगी और जवाब देही भी तय होगी पहली बार ऐसा हुआ है कि विद्युत नियामक आयोग के प्रस्तावित रेगुलेशन में सभी वित्तीय विधिक व तकनीक पैरामीटर वह भारत सरकार की गाइडलाइन को सम्मिलित करते हुए जो कनेक्टिविटी का कानून बनाया जा रहा है उससे आने वाले समय में पावर ट्रांसमिशन को काफी मजबूती मिलेगी। और पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन स्वस्थ नेटवर्क प्रणाली के साथ आगे बढेगा।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा डेडीकेटेड लाइन बनने के बाद जब उसकी कनेक्टिविटी ट्रांसमिशन सिस्टम से हो जाएगी और अंततः उसका मालिक आना हक पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के पास आ जाएगा तो उस लाइन के रखरखाव पर आने वाले खर्च का भार उपभोक्ताओं पर ना पडे इस दिशा में विद्युत नियामक आयोग को सोचना पडेगा क्योंकि प्रस्तावित रेगुलेशन में इस आने वाले खर्च को मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के समय देखने की बात की गई है जो वार्षिक राजस्व आवश्यकता का भाग बन जाएगा ऐसे में ऐसी व्यवस्था प्रावधानित होनी चाहिए कि उसका भार आम जनता पर ना पडे आगे उपभोक्ता परिषद ने इस बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए जा रहे प्रस्तावित कानून में प्रति मेगावाट 5 लाख कनेक्टिविटी बैंक गारंटी भी रखी गई है इससे जनरेटर की जवाब देही भी तय होगी और आने वाले समय में इससे ट्रांसमिशन कनेक्टिविटी सिस्टम की व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी।