1. लागू शर्तें किसानों के लिए बनी जी का जंजाल, किसान खेत की सिंचाई मीटर में यूनिट देखकर नहीं आवश्यकता के आधार पर करता
2. उपभोक्ता परिषद के वेबीनार में किसानों ने रखी अपने मन की बात तो छलक आया सबका दर्द
लखनऊ 27 जुलाई : उपभोक्ता परिषद की तरफ से प्रत्येक शनिवार को चलाए जाने वाले प्रादेशिक साप्ताहिक वेबीनार में किसानों ने अपनी बात रखते हुए कहा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जब किसानों के लिए 50 प्रतिशत छूट योजना लाई गई थी तो वह ज्यादा किसानों को पसंद आ रही थी लेकिन जब 100 प्रतिशत फ्री योजना लाई गई, तो उसमें इतनी शर्तें लगा दी गई कि वह किसानों के जी का जंजाल बन गई हैं।
किसानों ने कहा बडे पैमाने पर पूरे उत्तर प्रदेश में किसानों के बिल अनाप-शनाप बने हैं उसे कोई सही करने को तैयार नहीं है ऐसे में किसान रजिस्ट्रेशन कैसे कराए! वहीं ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि पूरे उत्तर प्रदेश में बडे पैमाने पर फीडर व ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं। जैसे बिजली चालू होती है थोडा देर बाद ट्रिप कर जाती है। इससे उपभोक्ता परेशान हैं ।
उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों ने लाखों गरीब उपभोक्ताओं के भार को तो बढाकर अपनी राजस्व में बढोतरी कर ली लेकिन वितरण सिस्टम पर जो काम होना चाहिए वह नहीं हुआ। उपभोक्ताओं का भार बढाने के पहले बिजली कंपनियों को अपने सिस्टम का भार सही करना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से सभी ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं व किसानों ने मांग उठाई कि सभी बिजली कंपनियों में जो गरीब लाइफ लाइन विद्युत उपभोक्ताओं का भार बिना नोटिस के बढा दिया गया, इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए क्योंकि उन्हें सब्सिडी वाली सस्ती बिजली से वंचित कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सभी ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं व किसानों के मामले को पावर कार्पोरेशन प्रबंधन व सरकार तक पहुंचाने की बात करते हुए कहा किसाने की समस्याओं के समाधान होने तक और ग्रामीण को 24 घंटे बिजली मिलने तक उपभोक्ता परिषद उनकी हर लड़ाई में उनके साथ है आगामी राज्य सलाहकार समिति की बैठक में भी या मुद्दा उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज शनिवार के वेबीनार में जुड़ें हमारे सम्मानित किसान अजय सिरोही, अनूप कुमार मौर्य, राममिलन यादव, संतोष पटेल, हरेंद्र सिंह, राजकुमार पाराशर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को किसानो की फ्री बिजली योजना मैं जो पावर कारपोरेशन ने शर्तें लगाई है उस पर उन्हें पुनर्विचार करना चाहिए। प्रदेश का किसान अपने खेत की सिंचाई मीटर में यूनिट देखकर नहीं करता अपनी आवश्यकता देखकर करता है तभी सही मायने में किसानों की फ्री बिजली योजना का लाभ प्रदेश के लगभग 14 लाख किस ले पाएंगे पावर कारपोरेशन को अपनी नीति स्पष्ट करना चाहिए और किसानों के गलत बिल को तत्काल सही करने का अभियान चलाना चाहिए।