बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विवि में शुरू हुई कार्यशाला
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ और इंडियन साइंस कम्युनिकेशन सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में ” कोविड 19 के खिलाफ लड़ने के लिए स्वास्थ्य और जोखिम संचार पर स्क्रिप्ट लेखन और सामग्री विकास” विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन मंगलवार को हुआ।
मुख्य अतिथि डॉ मनोज पटेरिया, एडवाइजर, साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च काउंसिल, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, भारत सरकार, ने बताया कि आज पूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है। आज जब पूरा विश्व कोरोना संकट से घिरा है। तब भारत एक समाधान के रूप में उभरा और भारत में निर्मित वैक्सीन विभिन्न देशों में पहुंच रही है ।
उन्होंने बताया कि डी एस टी कोरोना से जुड़ी जानकारी लोगों तक पहुचाने व आमजन को जागरूक करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कोविड कथा मल्टीमीडिया गाइड के बारे में भी सभी को बताया जिसमें कोविड-19 के संबंध में सभी जानकारियां विस्तार से उपलब्ध कराई गई है।
विशिष्ट अतिथि, प्रोफेसर राजेश कश्यप, डिपार्टमेंट ऑफ हैमटोलॉजी, एसजीपीजीआई, लखनऊ, ने कोविड 19 के अपने जीवन से जुड़े अनुभव को सभी के साथ साझा किया और चित्रों के माध्यम से कोविड-19 से जुड़ी सतर्कता और बचाव उपायों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमें खुद की सुरक्षा के साथ दूसरों की सुरक्षा का भी ख्याल रखना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विवि के डीन, अकैडमिक अफेयर, प्रो. राणा प्रताप सिंह द्वारा की गई। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि विज्ञान से जुड़ी जानकारियां व शोध कार्य आमजन तक पहुंचाने में हमें कौन-कौन सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हमें पहले उन चुनौतियों को चिन्हित करना होगा और उसके आधार पर अपनी रणनीति तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि ऐसी वैश्विक महामारी के पीछे हमारा विकास मॉडल भी कुछ हद तक जिम्मेदार है, क्योंकि हम विकास की अंधाधुंध दौड़ में पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहे हैं।
प्रोफेसर गोपाल सिंह, डीन, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, ने कहा कि कोविड-19 से जुड़े दिशा-निर्देशों का हम सभी को सख्ती से पालन करना आवश्यक है क्योंकि अभी भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। आमजन में कोविड से जुड़ी जागरूकता फैलाने के लिए बैनर, पोस्टर, समाचार पत्र, ई कंटेंट तथा अन्य संचार के माध्यमों का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने वैश्विक स्तर पर हम सभी की जीवनशैली में एक बड़ा बदलाव किया है और यह बदलाव काफी लंबे समय तक हमारे साथ ऐसे ही चलने वाला है।