अवध शिल्प ग्राम में लोकनृत्यों की अद्भुत छटा, दिनेशलाल यादव निरहुआ ने गाया नई झूलनी के छैया बलम तो झूम उठे लोग

0
564

लखनऊ, 25 जनवरी। अवध शिल्पग्राम में चल रहे उत्तर प्रदेश दिवस समारोह के दूसरे दिन आज जाड़े की वर्षा के बीच कला संस्कृति और विचारों का अनोखा समन्वय दिखाई दिया। आज की शाम जहां भोजपुरी नायक दिनेशलाल निरहुआ ने सजाई, वहीं कल समारोह की आखिरी सांझ गायक कैलाश खेर के नाम होगी।

आज के कार्यक्रम की शुरुआत गुजरात के वेणुभारती दल के लोकनृत्य से हुई। स्वरांगन पटना की महिमा व 14 अन्य साथियों ने झंझिया, जट- जटिन नृत्य की प्रस्तुति की। प्रयागराज की सुप्रिया सिंह रावत और साथियों ने ढेढिया नाच और हरीशकुमार व साथियों ने मयूर नृत्य प्रस्तुत किया। रामेशपाल और साथियों ने बुंदेलखंड के पाई डंडा और दीवारी जैसे जोशीले नृत्य प्रतुत किए। सात फीट की लाठी लेकर उतरे शीतला प्रसाद के अवधी फरुवाही नृत्य की अद्भुत छटा संतुलन के करतबों के साथ दिखाई।

गोरखपुर से आई साध्वी सेवादास के दल ने पांच इंद्रियों को पांच सखी बताते हुए निर्गुण कैसे जाइब हो नैहरिया… जैसे ज्ञानमर्गी भजन सुनाए।

नई झूलनी के छैंया बलम…..: दिनेशलाल यादव निरहुआ 

चमकीले नीले सूट में सांसद दिनेशलाल यादव निरहुआ आज कलाकार के तौर पर मंच उतरे तो आगाज अपने प्रिय भजन मन की तरंग मन लो बस हो गई भजन आदत बुरी सुधार लो बस हो गई भजन…. से किया। अगला गीत निरहुआ हिंदुस्तानी फिल्म का – नई झूलनी के छैंया बलम दोपहरिया…. गाकर और फिर महिला साथी ने गीत – कहे तोसे सजना… गीत गाया।

श्रोताओं की फरमाइश पर गीतों का सिलसिला यूं ही आगे चलता रहा। उनसे पहले मुंबई से आए अयोध्या के दिवाकर द्विवेदी ने बदल के साथ अवधी लोक गायन प्रस्तुत करते हुए शुरुआत मानस की चौपाइयों से करते हुए आगे मीठो मीठो सरजूजी को पानी लागे…. और जब आंगनैया में खेलें चारो भैय्या…. जैसे गीत सुनाए। वयोवृद्ध कलाकार महेंद्रनाथ ने कला नमक चावल पर स्वरचित गीत गाया।

शीघ्र ही विस्तार मिलेगा वेलनेस टूरिज्म को

पर्यटन पर आयोजित संगोष्ठी में संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश में कानून के राज और बाबा के बुलडोजर की चर्चा आज जापान तक में है। इसी नाते आज वहां के लोग निवेश को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कहीं भी पर्यटन तभी बढ़ता है जब वहां कानून का राज स्थापित होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐतिहासिक पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, एग्रो-इको टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन, आध्यात्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।

केरल में स्वास्थ्य की दृष्टि से जिस तरह वेलनेस टूरिज्म लोकप्रिय है, उसी आधार प्रदेश में भी स्वास्थ्य पर्यटन प्रारंभ होगा। सरकार पर्यटन को केंद्र में रखकर रोजी, रोजगार और राजस्व बढ़ाने को लेकर प्रयत्नशील है। उन्होंने बताया कि 2022 की पर्यटन नीति में छोटे कॉटेज, रिजॉर्ट्स इत्यादि के लिए प्रावधान किया गया है। साथ ही हम पर्यटन के लिए इन्वेस्टर समिट में दिए गए लक्ष्य से बहुत आगे हैं।

महाराष्ट्र से आए पांडुरंग तावड़े ने ग्राम्य और कृषि पर्यटन पर बात करते हुए बताया कि 2002 में हमने गांव में ग्राम्य पर्यटन शुरू किया। आज खेती से कई गुना ज्यादा आय पर्यटन से है। उन्होंने कहा कि आज वह समय है कि किसान जो बिकता है उसे उत्पादित करना और बेचना सीखे।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव ने ईको टूरिज्म को लेकर प्रदेश में अपार सम्भावनाएं बताते हुए स्थलों को गिनाया।

यहां आदर्श सेवा सइस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति व पर्यटन मुकेश मेश्राम ने अतिथियों और वक्ताओं का स्वागत किया। नोड अर्बन, एकेडमी ऑफ मैनेजमेन्ट स्टडीज और बकरी छाप संस्था द्वारा ग्राम्य पर्यटन पर प्रस्तुतीकरण किया गया।बुन्देलखण्ड, पॉलिसी फिल्म और इको टूरिज्म फिल्म का प्रस्तुतिकरण भी हुआ।

ग्राम्य व इको टूरिज्म के लिए हुए सम्मानित

संस्कृति मंत्री ने ग्राम्य और इको टूरिज्म के लिए रंजीत कौर,हिमांशु गंगवार कायमगंज, श्याम बिहारी झांसी, चंद्रशेखर त्रिपाठी रायबरेली, नीरज द्विवेदी सोनभद्र, दिव्या शाह पीलीभीत, कृपाल सिंह बुलंदशहर, अरविंद राठी मुजफ्फरनगर और प्रेम सिंह बांदा को अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र इत्यादि देकर सम्मानित किया।

पोषक अनाजों पर हुई संगोष्ठी

भारत की पहल पर मनाए जा रहे अंतराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष पर यहां उत्तर प्रदेश दिवस समारोह के मंच पर हुई संगोष्ठी में वक्ताओं ने मडुवा, सावां, कोदों, ज्वार, बाजरा, कानून, रागी इत्यादि पोषक मोटे अनाजों के खेती से लेकर उन्हें अपनाने के बारे में बताया।

डा. अखिलेश कुमार दुबे ने सुझाव दिया कि ओडीओपी की तरह कुछ गांवों में जहां पानी की समस्या हो, वहां ऐसे अनाज उपजाए जाएं। ऐसे अनाजों को कम सिंचाई की जरूरत होती है। चित्रकूट के सत्येंद्र विश्वकर्मा ने किसानों से एफपीओ से जुड़ने का आह्वान करते हुए पोषक अनाजों की मार्केटिंग के बारे में बताया। मशरूम आधारित समोसा और स्नैक्स बन रहे हैं।

राधेश्याम दीक्षित ने अन्य तथ्यों के साथ ऐसे अनाजों से बने व्यंजनों की पुस्तक दिखाई। नीरज श्रीवास्तव ने मिलेट्स में कृषि यंत्रों के उपयोग और सब्सिडी योजनाओं के बारे में बताया। अपर प्रमुख सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी ने एमएसपी पर पोषक अनाज की खरीदारी के बारे में बताया। इसके अलावा राजेश सिडाना वी अन्य वक्ताओं ने भी अपनी बात रखी।

देविका नेवपेश किया कथक:

जयपुर की ट्रांसजेंडर कथक नृत्यांगना देविका मंगलामुखी ने लखनऊ घराने की रचना में
पारंपरिक कृष्ण स्त्रोत प्रस्तुत किया। शुद्ध पक्ष में गत निकास इत्यादि की प्रस्तुति के बाद अंत में विरह नायिका को ठुमरी रचना – दुहाई पिया गए परदेश…. में अभिनय के साथ तकनीकी पक्ष को दर्शाया।

Please follow and like us:
Pin Share

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here