आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने पिछले दिनों अखिलेश यादव से मुलाकात की थी तो दोनों दलों के बीच गठबंधन के कयास लगने लगे थे। लेकिन अब दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर पेच फंसता दिख रहा है। इसके चलते आम आदमी पार्टी ने अपने दम पर ही यूपी चुनाव में उतरने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी सीटों को लेकर समझौते पर ज्यादा झुकने को तैयार नहीं थी, जबकि आप की डिमांड ज्यादा सीटों की थी।
सोशल मीडिया पर चल रही ख़बरों और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगर माने तो पार्टी के राज्य प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने कहा कि ‘आप’ अब राज्य की सभी सीटों पर उतरने की तैयारी कर रही है। यही नहीं उन्होंने कहा कि हम अगले एक सप्ताह में 100 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर देंगे। इसके कुछ दिन बाद ही नई लिस्ट जारी होगी। आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि दिसंबर के अंत तक हमारी पार्टी 350 से 400 तक उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर लेगी।
संजय सिंह की अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद दोनों दलों के गठबंधन के कयास लग रहे थे। हालांकि दोनों ही दलों ने इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा था, लेकिन खंडन भी नहीं किया था। यही वजह थी कि गठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं। यही नहीं एक रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने जब यूपी के लोगों को लाल टोपी से बचने को कहा और उसे रेड अलर्ट करार दिया तो संजय सिंह की प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। यदि आम आदमी पार्टी अकेले चुनावी समर में उतरती है तो इससे समाजवादी पार्टी जैसे दलों को ही नुकसान पहुंच सकता है।