लखनऊ के कुमार अर्चित पांडेय ने जीआरएफ में राजनीति शास्त्र विषय में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अर्चित ने बताया कि किसी भी विषय से नेट-जेआरएफ की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने स्नातक और परास्नातक स्तर की पढ़ाई सामान्य पाठ्य-पुस्तकों की अपेक्षा स्तरीय पुस्तकों के माध्यम से ही करें। साथ ही प्रथम प्रश्नपत्र की तैयारी के लिए किसी मानक गाइड की सहायता ली जा सकती है।
चूँकि, नेट का पाठ्यक्रम किसी भी विषय का एक मानक पाठ्यक्रम होता है, और दिनों दिन प्रतिस्पर्धा कठिन होती जा रही है, अतः तैयारी स्तरीय होनी चाहिए, जिसके लिए एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई करना, सोशल मीडिया को विष-तुल्य मानना, कठिन और लम्बी मेहनत का अभ्यास होना बहुत आवश्यक है। साथ में पुराने प्रश्नपत्रों का नियमित और समयबद्ध अभ्यास करना भी ज़रूरी है।
विद्यार्थियों को ये भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी स्थान-विशेष और कोचिंग आदि का आपकी तैयारी से कोई विशेष सम्बन्ध नहीं है। एमए में बीएचयू, डीयू और जेएनयू में प्रवेश हो जाने पर भी न तो मैं वहाँ गया और न ही नेट-जेआरएफ के लिए किसी कोचिंग की ही मदद ली। सबसे प्रमुख बात ईमानदारी से अपनी क्षमता और अपनी कमियों का मूल्यांकन करना है, और तदनुरूप अपनी तैयारी करना है। बड़ी सफलताओं के लिए कोई बीच का रास्ता नहीं होता।
100 परसेंटाइल से इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने की मेरी सफलता में मेरे पूर्व विद्यालय सीएमएस अलीगंज (सेक्टर-ओ), मेरे और मेरे पिता डॉ. बृजेन्द्र पाण्डेय ( सम्प्रति एसोसिएट प्रोफ़ेसर, राजनीतिशास्त्र, विद्यान्त महाविद्यालय, लखनऊ) के पूज्य गुरु प्रोफ़ेसर आर.के. मिश्र जी (पूर्व-अध्यक्ष, राजनीतिशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय) तथा प्रोफ़ेसर प्रशांत शुक्ल (दर्शनशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय), मेरे परिवारीजनों के आशीर्वाद, ईश्वर की कृपा तथा मित्रों और वरिष्ठजनों की प्रेरणा की भूमिका रही है।