दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने पिछले दिनों लखनऊ में उत्तर प्रदेश विद्युत परिषद जूनियर इंजिनियर संगठन द्वारा विद्युत व्यवस्था सुधार हेतु आयोजित संगोष्ठी पाॅवर फाॅर आल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रबंध निदेशक अर्पणा, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजिनियर संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष आर के त्रिवेदी, महासचिव वरिन्दर कुमार शर्मा, निदेशक पावर कारपोरेशन एस पी पाण्डेय, संगठन के अन्य पदाधिकारी व बड़ी संख्या में सदस्यगण उपस्थित थे। राज्यपाल ने कार्यक्रम में संगठन की स्मारिका और एक सुधार पत्रिका का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिजली सुधार व्यवस्था में बिजली चोरी रोकना एवं विद्युत बिल का बकाया एक महत्वपूर्ण चुनौती है। लाइन लाॅस और बिजली चोरी विभाग के लिये कैंसर जैसा है, इसका कीमोथेरेपी जैसा इलाज होना चाहिए। विद्युत व्यवस्था में जूनियर इंजीनियर्स सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं। सभी को अपने योगदान से इसे सर्वोत्तम प्रदेश बनाने का प्रयास करना चाहिए। विद्युत विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी चुनौती को दायित्व के रूप में स्वीकार करके अपनी योग्यता का प्रदर्शन करें। जीवन में निरन्तर चलते रहने में ही सफलता का मर्म निहित है।बड़े कार्य करने का ही जीवन में आनन्द है।
उत्तर प्रदेश के हर घर में बिजली पहुंचाना एक बड़ा काम है। विद्युत नियामक आयोग भवन का शिलान्यास राम नाईक द्वारा उनतीस सितम्बर दो हजार चौदह को किया गया था। इस भवन का उद्घाटन सत्रह मई दो हजार अठारह को उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु द्वारा किया गया था। सरकारी कार्य में कास्ट ओवर रन और टाइम ओवर रन से बचना चाहिए। प्रदेश के विकास की दृष्टि से समय पर कार्य पूरा हो, यही दिशा होनी चाहिए। जनहित और राष्ट्रहित को सामने रखते हुये विकास कार्यों में सहयोग दें।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के तहत प्रत्येक घर को बिजली से जोड़ने में अपने गुरूत्तर दायित्व का निर्वहन उचित था। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है लेकिन अन्य प्रदेशों की तुलना में जितना औद्योगिक विकास होना चाहिए था, उतना नहीं हो पाया है। उसके दो कारण हो सकते हैं कानून व्यवस्था और अबाधित विद्युत व्यवस्था की कमी। गत वर्ष फरवरी माह में आयोजित इंवेस्टर्स समिट में बड़ी संख्या निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये थे। यह संदेश गया कि कानून व्यवस्था एवं विद्युत आपूर्ति की स्थिति अब संतोषजनक है।
प्रबंध निदेशक श्रीमती अर्पणा यू ने विभाग की उपलब्धियों की चर्चा करते हुये कहा कि चुनौतियों को स्वीकार करते हुये ऊर्जा क्षेत्र में अनेक सुधार किये गये हैं। नये सब स्टेशन निर्माण के साथ-साथ स्थापित विद्युत स्टेशनों की क्षमता में भी वृद्धि की गयी है। ग्रामीण क्षेत्र में ऊर्जा खपत सत्रह प्रतिशत से बढ़कर पैंतीस प्रतिशत हो गयी है।