यूपी में कक्षा छह से आठ तक के सभी स्कूलों को 10 फरवरी से खोले जाने निर्देश दिया गया है। ऐसा कोरोना के प्रकोप में कमी आने को देखते हुए किया गया है। स्कूलों को कोरोना के प्रकोप के कारण ही बंद किया गया था और लंबे समय से बच्चों की पढ़ाई इसी कारण से बाधित थी। अब जब स्कूलों को खोले जाने का आदेश दे दिया गया है तो कुछ बातें ध्यान रखने की हैं।
स्कूल खुलने का मतलब यह नहीं कि कोरोना का पूरी तरह से अंत कर लिया गया है। अभी भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। हां, यह अवश्य है कि इनकी संख्या पहले की तरह डराने वाली नहीं है बल्कि काफी कुछ नियंत्रण में है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस बारे में पूर्व में जारी दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन अभी भी किया जाता रहे और उसी के अनुरूप कार्य हो।
ऐसे में स्कूल खोलने निर्देश जारी करने के साथ ही दिशा निर्देशों का पालन करने का निर्देश भी स्वागत योग्य है। इसमें लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने राजधानी के सभी स्कूलों के प्रधानाध्यपकों को स्कूलो में कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। बच्चे अपने घरों से मास्क लगाकर स्कूल आएंगे। स्कूल के गेट पर सैनिटाइज करने के बाद ही बच्चों को कमरों में प्रवेश मिलेगा। सभी स्कूलों में हैंड वाश रखने के भी निर्देश हैं।
इस बारे में सभी शिक्षकों को कोविड-19 प्रोटोकॉल के हिसाब से व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा गया है। वास्तव में सावधानी के लिहाज से यह कदम आवश्यक है। इसके लिए शिक्षकों को खासतौर पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि बच्चों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए नियंत्रित करने की जरूरत है और यह काम उनको ध्यान पूर्वक करना होगा।