चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने अपने अखबार के हवाले से लिखा है कि जब तक भारत बॉर्डर से अपनी फौज नहीं हटाता तब तक सिक्कम इलाके में मौजूद डोकलाम पर कोई समझौता नहीं होगा। पहले भारत बॉर्डर से अपनी फौज हटाए, तभी इस मुद्दे पर बातचीत संभव है। दरअसल, चीन के साथ तनातनी खत्म करने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने डिप्लोमेटिक चैनल इस्तेमाल करने की बात कही थी।
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने अपने आर्टिकल में यह भी लिखा है कि डोकलाम में बॉर्डर क्रॉस करने वाली फौज को वापस बुलाने की चीन की मांग को भारत लगातार अनसुना कर रहा है। अब, चीन की बात न मानने वाले उसके रवैये से मामला तूल पकड़ेगा और अखिरी में भारत को शर्मिंदा होना पड़ेगा।
शिन्हुआ ने लिखा है, “भारत को मौजूदा हालात को पहले दो बार 2013 और 2014 में लद्दाख के पास बने हालात की तरह नहीं देखना चाहिए। भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच साउथ ईस्ट कश्मीर का यह इलाका (लद्दाख) विवादित है। उस वक्त डिप्लोमेटिक कोशिशों से दोनों देशों की फौजों के बीच टकराव को सुलझा लिया गया था, लेकिन इस बार मामला पूरा अलग है।”
देशों के बीच मौजूदा गतिरोध बीते तीन दशकों में सबसे लंबा माना जा रहा है। यह 18 जून से शुरू हुआ था। उस वक्त चीन ने आरोप लगाया था कि भारत बॉर्डर एग्रिमेंट के खिलाफ चला गया है। भारतीय सैनिक बॉर्डर क्रॉस करके डोकलाम में घुस आए हैं और चीनी सैनिकों को रोड बनाने से रोक दिया है। उनका कहना था कि इलाके में अभी बॉर्डर तय नहीं है, इसलिए चीन मौजूदा स्थित में बदलाव न करे।