उपभोक्ता परिषद पूरे देश के उपभोक्ता संघटनो को एक मंच पर लाकर निजीकरण का हर स्तर पर करेगा विरोध
बिजली कम्पनियो में निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए पर्दे के पीछे से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आए दिन नये नये कानून बनाये जा रहा है। चाहे वह उपभोक्ता राइट कानून का मामला हो या फिर रेवेम्प योजना के तहत पूरे देश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का मामला ! उपभोक्ता परिषद का कहना है कि अब ट्रांसमिशन नेटवर्क को निजी हाथो में देने के लिए ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी आदेश दिया गया है जिसका उपभोक्ता परिषद हर स्तर पर विरोध करेगा।
परिषद का कहना है कि सभी राज्यों में ट्रांसमिशन नेटवर्क अच्छी हालत में है निजी घरानो की नजर उसी पर है वह चाहते है की किसी तरह ट्रांसमिशन नेटवर्क पर उनका कब्जा हो जाय तो वह आसानी से वितरण क्षेत्र पर कब्जा कर सकते है क्योंकि पूरे देश में आज उत्पादन के क्षेत्र में राजय सेक्टर और केंद्रीय सेक्टर का कब्जा जहा अब मात्रा 26 -26 प्रतिशत है वही निजी घरानो का लगभग 48 प्रतिशत कब्जा है जो अपने आप में चिंता का विषय है । उपभोक्ता परिषद् पूरे देश के सभी उपभोक्ता संघटनो से बात कर एक व्यापक रणनीति बनाएगा जिससे निजी घरानो के लिए बनाई जा रही सभी नीतियों का विरोध संवैधानिक तरीके से किया जा सके ।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उप्र पावर ट्रांसमिशन निगम लि. के आकड़ो पर नजर डाले तो पिछले पांच वर्षो में सबसे ज्यादा सुधार ट्रांसमिशन सेक्टर में हुवा है आज ट्रांसमिशन लॉस भी 3.33 प्रतिशत है जो यह सिद्ध करता है आने वाले समय में और बेहतर रिजल्ट सामने आएंगे लेकिन जिस प्रकार से केंद्र सरकार जॉइंट वेंचर के सहारे निजीकरण की दिशा में लगी है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा केंद्र सरकार पूरे ऊर्जा क्षेत्र को निजीकरण की दिशा में धकलेना चाहती है जिसका हर स्तर पर विरोध देश व प्रदेश के उपभोक्ता करेंगे बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने कहा था बिजली पानी आवशयक सेवाओ का अंग है ऐसे हमेशा सार्वजानिक क्षेत्र में रखा जाना ज्यादा हितकर होगा जिसका लाभ सीधे देश की जनता को सरकारे दे सकती है ।