आज रविवार छुट्टी के दिन दफ्तर खोलकर 9 बिजली कनेक्शन किए गए बंद और जारी किया गया कार्यालय आदेश, जिस उपभोक्ता के लिए समय नहीं आज उसी उपभोक्ता के पीछे दौडा विभाग
उपभोक्ता परिषद ने कहा बिलिंग सिस्टम की विश्वसनीयता को हर स्तर पर परखने की जरूरत
लखनऊ, 14 जनवरी: उपभोक्ता परिषद के साप्ताहिक वेबीनार में कुशीनगर कसया के एक विद्युत उपभोक्ता के एक ही मीटर नंबर पर 10 बिजली के कनेक्शन जारी करने के मामले ने जब तूल पकड़ा तो बिजली कम्पनी बैकफुट पर आ गयी और जो अधिकारी उपभोक्ता को समय नहीं दे रहे थे वह आज रविवार अवकाश के दिन दफ्तर खोलकर उन्होंने 9 बिजली कनेक्शन आनन – फानन में बंद कर दिए।
बता दें कि कल उपभोक्ता परिषद के साप्ताहिक वेबीनार में कुशीनगर कसया के एक विद्युत उपभोक्ता राकेश गौड जिनके नाम एक ही मीटर नंबर पर 10 बिजली का कनेक्शन जारी कर दिया गया था, उनकी समस्या उठाई गई थी जिस पर तुरंत उपभोक्ता परिषद ने पूरा मामला पावर कारपोरेशन के निदेशक कमर्शियल को भेजा था जिस मामले पर उपभोक्ता को लंबे समय से दौड़ाया जा रहा था। उसके लिए आज छुट्टी के दिन पूरा दफ्तर खोला गया और 9 डुप्लीकेट बिजली कनेक्शन को बंद किया गया और उसका कार्यालय ज्ञापन जारी करके उपभोक्ता को सूचना दी गई।
सबसे बडी बात यह है कि अधिशासी अभियंता कार्यालय ने पूरा ठीकरा झटपट पोर्टल व बिलिंग सॉफ्टवेयर पर डाल दिया। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि अब सबसे बडा सवाल यह उठता है पावर कारपोरेशन का आरएमएस सिस्टम जो बिलिंग के लिए ओपेक्स मॉडल पर 68 पैसे प्रति बिल पर चार्ज करता है उसके हिसाब से आरएमएस पोर्टल चलाने वाली फॉर्म को प्रत्येक माह लगभग 2 करोड 15 लख रुपए भुगतान किया जाता है। उस आरएमएस पोर्टल की विश्वसनीयता क्या रह गई जो एक ही मीटर नंबर को 10 कनेक्शन नंबर पर डुप्लीकेटिंग कर रहा है ऐसे तो आने वाले समय में कोई भी बडी वित्तीय हानि भी उठानी पड सकती है इसको पावर कारपोरेशन को सोचना पडेगा।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने उपभोक्ता से जब बात की उपभोक्ता संतुष्ट दिखा और बताया कि कल तक जहां कोई बात सुनने वाला नहीं था आज वही उसके घर इस मामले को लेकर बिजली अभियंताओं के फोन आते रहे और तुरंत समस्या का समाधान किए जा रहे हैं की बात कही जाती रही। फिलहाल उपभोक्ता को न्याय मिला यह संतुष्टि की बात है।
उपभोक्ता परिषद ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन से यह मांग की है कि आरएमएस पोर्टल की विश्वसनीयता और सिक्योरिटी सिस्टम में हर स्तर पर जांच पडताल किया जाना चाहिए क्योंकि यह कहीं न कहीं सभी बिजली कंपनियों की बिलिंग सिस्टम का मामला है और जिस पर बिजली विभाग की पूरी अर्थव्यवस्था निर्भर है।