कर्मचारियों व शिक्षकों ने दिखाई एकजुटता की ताकत, 11 सूत्रीय मांगों को लेकर दिया सरकार के खिलाफ धरना
लखनऊ 28 ,अक्टूबर 2021 : लम्बे समय से अपनी पुरानी पेंशन बहाली की मांग समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार से नाराज चल रहे प्रदेश भर के कर्मचारी व शिक्षकों ने अधिकार मंच उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज जिला अधिकारी आवास पार्क के सामने लखनऊ में धरना देकर सरकार को चेताया कि जल्द से जल्द यूपी सरकार उनकी मांगों पर गौर करें। अन्यथा हम अपनी मांगों को लेकर फिर बड़े स्तर पर प्रदर्शन के लिए तैयार हैं ।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश चंद शर्मा ने कहा कि पूर्व की सरकारे समस्याओं का निराकरण करती थी, परंतु यह सरकार तो कर्मचारियों द्वारा अपने संघर्षों से अर्जित की गई उपलब्धियों को छीन रही है ।
बता दें कि प्रदेश भर के कर्मचारी व शिक्षकों ने पुरानी पेंशन की बहाली सभी कार्मिक व शिक्षकों को कैसे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों के स्थायीकरण, वेतन विसंगतियां दूर करने, सभी रिक्त पदों पर पदोन्नति करने जैसी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के सभी जिला मुख्यालय पर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उत्तर प्रदेश के आह्वान पर धरना दिया गया।
लखनऊ जनपद के कर्मचारी व शिक्षकों ने बड़ी संख्या में जनपदीय मंच के अथ्यक्ष सुधांशु मोहन की अध्यक्षता में जिला अधिकारी आवास के सामने, पार्क लखनऊ में एकत्र होकर धरना दिया।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश चंद शर्मा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक कर्मचारी संगठनों की मांगों पर पूर्व की सरकारे समस्याओं का निराकरण करती थी, परंतु यह पहली सरकार है जो कर्मचारियों द्वारा अपने संघर्षों से अर्जित की गई उपलब्धियों को छीन रही है। प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का 10 हजार करोड़ का भुगतान सरकार ने रोका हुआ है। एक दर्जन से अधिक भत्ते समाप्त कर दिए गए हैं। 5 वर्ष के कार्यकाल में एक भी शिक्षक को पदोन्नति दी गई है शिक्षा मित्र व अनुदेशकों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। आंगनबाड़ी एवं रसोइया आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, परंतु फिर भी सरकार संवेदनशून्य बनी हुई है।
इस मौके पर मंच के प्रधान महासचिव सुशील कुमार त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश के कार्मिकों के लिए कैशलेस चिकित्सा हेतु नियमावली बन जाने के बाद भी लागू नहीं की गई। विभागाध्यक्ष की संस्तुति के बाद ही कलेक्ट्रेट को विशिष्ट प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए ग्रेड वेतन उच्चीकरण करने का शासनादेश जारी नहीं किया गया। 06 जनपदों को मिनी सचिवालय घोषित करने के बाद भी अन्य औपचारिकताएं पूर्ण नहीं की गयी है।
कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रीयल संघ के महामंत्री अरविन्द कुमार ने बताया कि कलेक्ट्रेट कर्मचारियों की नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति करने का निर्धारण नहीं किया गया। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां सभी विभागों के लिए लागू नहीं की गई है।
महासचिव राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन यादव ने कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव के बार-बार निर्देशों के बावजूद भी उन्हीं के अधिकारियों द्वारा सेवा संघ के पदाधिकारियों से वार्ताएं नहीं की जा रही हैं यही कारण कर्मचारियों की मांगे लंबित हैं और अब तक कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अपने अधिकारों के लिए विवश हुए हैं।
प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार कर्मचारी व शिक्षक विरोधी है, परंतु इस बार शिक्षक व कर्मचारी एकजुट होकर अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंदोलन कर रहा है। सरकार को मांगे माननी पड़ेगी अन्यथा सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। मंच का संचालन जनपदीय प्रधान महासचिव अशोक कुमार श्रीवास्तव के द्वारा किया गया।
धरने को डॉ आर पी मिश्र, नरेंद्र वर्मा,अमिता त्रिपाठी, नरेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह,फहीम बेग, सुभाष तिवारी, अविनाश श्रीवास्तव, आर के त्रिवेदी, महेंद्र सिंह डोलियां,रवि सिंह, समीर एखलाक, राजेश सिंह, संदीप सिंह, गौरव त्रिपाठी, राम अचल, शिशिर किशोर श्रीवास्तव, प्रहलाद जोशी, राज श्रृषि त्रिपाठी, विवेक कुमार, धर्मेंद्र सिंह, अभय प्रकाश, पवन कुमार सिंह, एन डी द्विवेदी, राम सुरेश यादव, अमरजीत मिश्र, विचित्र कुमार साहू, पूजा सिंह, रवि चौहान, फहीम अख्तर आदि ने संबोधित किया।