इंदौर, 27 जनवरी 2025: जेमोलॉजिकल साइंस इंटरनेशनल (जीएसआई) ने 24 जनवरी 2025 को इंदौर में एक आधुनिक सैटेलाइट लैब का उद्घाटन किया है। इस नए लैब का उद्देश्य पूरे मध्य प्रदेश में आभूषण विक्रेताओं और ग्राहकों को आभूषण, हीरे और रत्नों के लिए सेम-डे सर्टिफिकेशन सेवाएं प्रदान करना है।
यह सैटेलाइट लैब 1,200 वर्ग फुट में फैला हुआ है जो मध्य प्रदेश में आभूषण आपूर्ति श्रृंखला के भीतर तेज गति से, सेम-डे सर्टिफिकेशन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए स्थापित किया गया है। हालांकि मध्य प्रदेश के अधिकांश उत्कृष्ट आभूषण मुम्बई, सूरत और जयपुर से आते हैं, फिर भी राज्य में हाल ही में आभूषणों के उत्पादन और बिक्री में लगातार वृद्धि देखी गई है। परिणामस्वरूप, अब राज्य के फलते-फूलते आभूषण उद्योग के लिए जीएसआई जैसे विश्व स्तरीय मान्यता प्राप्त लैब की आवश्यकता मजबूती से बढ़ती जा रही है जो आभूषण उद्योग को अपनी समझ, सेवाओं और शैक्षिक कार्यक्रमों के जरिये सहयोग दे सके।
रत्न उपचार और पोल्की आभूषण सर्टिफिकेशन देने के लिए अति आधुनिक तकनीक की शुरुआत करते हुए, इंदौर में जीएसआई लैब प्रीमियम सेवाएँ प्रदान करेगा जो राज्य के जौहरियों के लिए इससे पहले उपलब्ध नहीं थीं। इनमें से कुछ सेवाओं में हीरे की जाँच के लिए एडवांस्ड स्क्रीनिंग उपकरण शामिल हैं, जैसे माइंड्रॉन और जीएसआई की ‘ट्रूश्योर’ सीरीज, जो हर जौहरी के लिए आत्मविश्वास से भरपूर खरीद एवं बिक्री को सक्षम बनाएगी।
इस सैटेलाइट लैब के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए, जीएसआई इंडिया के प्रबंध निदेशक रमित कपूर ने कहा, “ग्राहकों के बीच कस्टमाइज़्ड ज्वैलरी की बढ़ती माँग के कारण मध्य प्रदेश में स्थानीय तौर पर मैनुफैक्चरिंग की शुरुआत हुई है। इससे सोर्सिंग के लिए मुम्बई, सूरत और जयपुर पर निर्भरता कम हुई है। जीएसआई के इंदौर लैब द्वारा प्रदान की जाने वाली सेम-डे रत्न-संबंधी सेवाएं अद्वितीय हैं। यह सुविधा ज्वैलर्स के लिए उपभोक्ता का विश्वास सुनिश्चित करती है और बाजार की मांगों को कुशलतापूर्वक पूरा करने में ज्वैलर्स को सक्षम बनाती है। नई तकनीक के साथ मिलकर, हमारी वैश्विक विशेषज्ञता सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को सरल बनाती है, जिससे मध्य प्रदेश की आभूषण कंपनियों के व्यवसाय संचालन के तौर-तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आया है।”