बाराबंकी, 11 अगस्त, 2021: विकास खंड पुरेडलई के ग्राम सराय दुनौली में चाइल्ड लाइन 1098 उपकेंद्र बनीकोडर द्वारा ओपेन हाउस मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें विशेष किशोर पुलिस इकाई की प्रभारी शमानाज सिद्दीकी ने बच्चों की सुरक्षा के टिप्स बताए और उनकी समस्याएं सुनी। एसजेपीयू प्रभारी ने बच्चों को सुरक्षित रहने के लिए दस बातें बताई, कहा कि अपने माता पिता व परिजनों से अपनी हर समस्या को साझा करें, कहीं भी जाएं तो जाने की सूचना परिजनों को देकर निकलें, अपना व घर का मोबाइल नम्बर याद रखें, अपरचित व्यक्ति के वाहन, सायकिल बाइक पर कभी न बैठें और आपातकाल स्थिति में तुरंत चाइल्ड लाइन 1098 नम्बर पर फोन करें।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डॉ एसपी दीक्षित व डॉ हेमंत कुमार ने बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण की जानकारी दी और कोरोना से बचने के उपाय बताए। डॉक्टर ने कहा कि कोविड का टीकाकरण बहुत जरूरी है। सभी लोग टीका अवश्य लगवाएं। बाल विकास एवं पुष्टाहार की मुख्य सेविका विद्यावती व आंगनवाड़ी कार्यकत्री पूनम बंसल ने आंगनवाड़ी केंद्र पर बच्चों के पंजीकरण और मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य महेश प्रताप सिंह ने बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, ड्रेस, मध्यान्ह भोजन आदि की मिलने वाली सुविधाओं को बताया। चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक जियालाल ने लोगों को टोल फ्री नंबर 101 102 ,108 ,112 ,1076 ,1090 ,1098 के बारे में जानकारी दी चाइल्ड लाइन टीम लीडर अवधेश कुमार ने सभी को बाल तस्करी बाल विवाह बालश्रम लैंगिक अपराध साइबर क्राइम के बारे में जानकारी देते हुए लोगों को सावधान रहने की सलाह दिया।
थाना टिकैतनगर के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी विजय कुमार, व महिला आरक्षी दीपिका ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और महिलाओं को सुरक्षा का एहसास दिलाया मिशन शक्ति अभियान के तहत कन्या महोत्सव के तहत कुछ दिन पहले बालिका को जन्म देने वाली माता पर बेटी को सम्मानित करने की योजना बताई कहा कि लोग बेटा-बेटी में समानता होनी चाहिये।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान कंचन सिंह प्रतिनिधि विकास सिंह ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया इस अवसर पर चाइल्डलाइन टीम सदस्य अंजलि जायसवाल, राम कैलाश अखिलेश कुमार प्रदीप कुमार आंगनबाड़ी कार्यकत्री उषा देवी पूनम सिंह आशा बहू सविता सिंह एएनएम सरला समाजसेवी ज्योति सिंह स्वयं सहायता समूह सचिव प्रतिभा यादव, गुड़िया, शोभा, दुर्गा, धनेश्वरी देवी व तमाम ग्रामीण महिला पुरुष बच्चे काफी संख्या में मौजूद रहे।