वैसे त्यौहार देश मे प्रत्येक तीज- त्यौहार विशेष कर हिन्दुधर्म के लोगों के मध्य मे प्रति वर्ष मनाये जाने की प्रथा हिन्दुधर्म के स्थापना काल से चली आ रही है। जिसमें अनेकों देवी देवताओं के आराधना स्तुती कुछ खास अवसरों पर करने का विधान है। इस बार 22 अगस्त 2020 को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जायेगा।
वैसे तो भगवान् गणेश जी ख्याति विश्व विख्यात है और गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश में मनाया जाता है लेकिन गणेश चतुर्थी का पर्व विशेष कर हमारे देश के महाराष्ट्र प्रदेश में लोग बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ एक लम्बे समय से मनाते चले आ रहे है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। हमारे वेद पुरणो के मतानुसार भगवान गणेश इस को माता पार्वती के कोख से उत्पत्ति हुई थी। गणेश जी को सभी देवताओं के पूजा करने से पहले गणेश की पूजा सर्वप्रथम किये जाने का विधान है।
त्यौहार को विशेषता : हमारे देश के महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित समस्त राज्यों में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने अपने घरों में भगवान गणेश जिसे यहां गणपति बप्पा कह कर सम्बोधन किया जाता है, भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं ऐसी मान्यता है कि प्रति वर्ष घर मे उनकी मूर्ति स्थापना करने से भगवान गणेश अपने भक्तों के सारे विध्न, बाधाएं दूर करते रहते हैं।
भगवान गणेश जी को बुद्धि, विवेक, धन-धान्य, रिद्धि-सिद्धि का कारक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि गणेश जी को प्रसन्न करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति की स्थापना होती है। यही कारण है कि हिन्दू धर्म मे गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी को लोग गणेश की पूजा पाठ कर के गणेश चतुर्थी से ठीक ग्यारहवें दिन धूमधाम के साथ उन्हें विसर्जित करने के ले जाते रास्ते भर अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थना करते हुये हैं उन्हें विसर्जित करने के लिये किसी जलाशय पर ले जाते हैं और गणेश की मूर्ति को विसर्जित कर लोग आपस मे गले मिलते है। इस प्रकार गणेश चथुर्थी पर्व की समापन हो जाती है।