जी के चक्रवर्ती
आज इजरायल और फिलिस्तीन दोनो देश सात वर्षों के बाद एक दूसरे के आमने सामने खड़े हैं जिससे इन दोनों देशों आपस मे युद्ध लड़ने के कगार पर जा पहुंचे है। इजरायल- फिलिस्तीन के मध्य युद्ध की शुरुआत रविवार 9 मई 2021के दिन शुरु हुई लेकिन इस युद्ध के कारणों का जड़ लगभग 73 वर्षों पुराना है।
दरअसल गाजा पट्टी एक फिलिस्तीनी क्षेत्र है, जो मिस्त्र और इजरायल के बीच भूमध्यसागरीय तट पर स्थित है। यह क्षेत्र फिलिस्तीन अरबी एवं मुस्लिम बाहुल्य इलाका है जिस पर हमास द्वारा शासन किया जाता है जो की एक इजराइल विरोधी आतंकवादी समूह है।
फिलिस्तीन सहित कई अन्य देशों द्वारा मुसलमानी देश इजराइल को यहुदी राज्य के रूप में मान्यता नही दी गई हैं। इसलिये वर्ष 1947 के पश्चात “यूनाइटेड नेशन” द्वारा फिलिस्तीन को यहुदी और अरब दो राज्य में बांट दिया गया था उसके बाद से ही फिलिस्तीनियों और इजराइल के मध्य संर्घष संघर्षों के सिलसिला प्रारम्भ हुआ।
इसमें एक अहम मुद्दा इसे राज्य के रूप में स्वीकार करने का है तो दूसरा गाजा पट्टी का है जो इजराइल की स्थापना के समय से ही इजरायल और दूसरे अरब देशों के मध्य एक संघर्ष का कारण बना हुआ है।
अरब और इज़राइल के मध्य संघर्ष की एक लम्बी कड़ी है। वास्तव देखा जाय तो यह युद्ध दो समूहों के मध्य एक ही क्षेत्र के लिये किये जाने वाले दावों का संघर्ष है। द्वि-राज्य सिद्धान्त के लिए भी यहाँ पर अनेकों प्रयास किये जा चुके हैं जिसमें इजराइल से अलग एक स्वतन्त्र फिलिस्तीन राज्य बनाने के लिए कहा गया लेकिन वर्तमान समय में, इसरायली और फिलिस्तीनियों की बहुसंख्या में लोग यह चाहते हैं की द्वि-राज्य सिद्धान्त पर इस संघर्ष को ख़त्म कर दिया जाये। वैसे कई फिलिस्तीनी लोग तो पश्चिम के किनारे और गाज़ा पट्टी को भविष्य में अपना राज्य के रूप में देखने भी लगे हैं।
पुरा इजराइल, गाज़ा पट्टी और पश्चिम किनारे को एक साथ जोड़ कर, दो राष्ट्रीयता को एक साथ संलग्न कर एक राज्य बने जिसमें सभी के लिए समान अधिकार हो। यद्यपि, कुछ ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्र भी हैं जिनके कारण किसी भी अन्तिम निर्णय पर पहुँचने में दोनों ही पक्ष में असंतोष की भावना परिलक्षित होती है इसके साथ ही साथ दोनों पक्षों के आपस मे एक दुसरे पर विश्वास करने की स्थिति भी अत्यंत कमजोर है और अब फिलिस्तीनियों के पक्ष में रूस के अतिरिक्त चीन, सऊदी अरब, पाकिस्तान सहित कुछ अन्य देश फिलीस्तीनियों के पक्ष में खड़े हैं तो दूसरी तरफ इजराइल के पक्ष में भारत के अलावा अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और कनाडा जैसे खड़े होने से जहां शक्ति संतुलन बिगड़ती नजर आ रही और ऐसी स्थिति में दो छोटे-छोटे देशों के मध्य इस युद्ध मे यदि एक एक कर विश्व के सभी देश बारी बारी से कूदते चले गए तो यह युद्ध विश्व युद्ध मे परिवर्तित होते देर नही लगेगी।