पीएम मोदी को अयोध्या बुलाने पर अड़े संत
अयोध्या, 05 अक्टूबर 2018: राममंदिर के लिए आमरण अनशन के तीसरे दिन तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास का संकल्प और दृढ़ होता दिख रहा है। उन्होंने दो टूक कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आकर रामलला का दर्शन करें, टेंट में विराजमान रामलला की पीड़ा समझें और राममंदिर बनाने का आदेश करें, तभी वे अनशन खत्म करेंगे। वरना आखिरी सांस तक अनशन चलता रहेगा।
परमहंस के समर्थन में संत भी उतर गए हैं, संतों ने गुरूवार को सामूहिक अनशन करने का भी ऐलान किया है। उधर, परमहंस के हठ को लेकर भाजपा व विहिप की चिंता भी बढ़ने लगी है। सांसद लल्लू सिंह, विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय, नगर विधायक वेद गुप्ता, पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती, शरद शर्मा, अभिषेक मिश्र सहित तमाम लोग अनशन खत्म कराने के लिए महंत परमहंस दास का मान मनौव्वल करने पहुंचे।
सांसद ने उनकी मांग प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का भी आश्वासन दिया। लेकिन परमहंस ने कहा कि रामलला की स्थिति कितनी दयनीय है, वह टेंट में हैं, मोदी अयोध्या आकर उनका दर्शन कर लें, अनशन समाप्त कर दूंगा।नगर विधायक वेद गुप्ता ने भी परमहंस की मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन देते हुए कहा कि राममंदिर तो अयोध्या में ही बनेगा, लेकिन मामला कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए निर्णय का इंतजार करना चाहिए। बड़ी संख्या में बुधवार को संत भी परमहंस के समर्थन आए।
रंगमहल के महंत रामशरण दास ने कहा कि महंत परमहंस भगवान राम के लिए अनशन कर रहे हैं, उनका उद्देश्य पवित्र है। मोदी देश-विदेश घूम सकते हैं तो अयोध्या क्यों नहीं आ सकते। पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा कि संतों ने मठ मंदिर छोड़ भाजपा का प्रचार किया था। मुझे विश्वास है कि 2019 से पूर्व राममंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उन्होंने संतों से मांग की कि सभी संत-महंत राष्ट्रपति को पत्र लिखें कि अयोध्या मामले की सुनवाई जल्द हो।रामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास, महंत मनमोहन दास, महंत नागा रामलखन दास, महंत संतगोपाल दास, महंत दिलीप दास, सहित अन्य संतों ने अनशन स्थल पहुंचकर महंत परमहंस के साथ सांकेतिक अनशन किया और गुरूवार को सामूहिक अनशन का ऐलान भी किया। शिवसेना ने भी अनशन को समर्थन दिया है, प्रदेश उपाध्यक्ष शिवसेना अभय द्विवेदी ने अनशन स्थल पर पहुंचकर राममंदिर निर्माण की मांग बुलंद की।