नई दिल्ली । एनएसयूआई की सर्वे रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दिल्ली विश्वविद्यालय कैंपस में हर 5 में से 1 छात्रा किसी न किसी रूप से यौन उत्पीडन की शिकार होती है। यह सर्वे डीयू के 24 कॉलेजों के 810 छात्रों पर करवाया गया है। इसमें 90 फीसदी छात्राएं तो दस फीसदी छात्र शामिल रहे। खास बात यह है कि 69 फीसदी छात्राओं ने कहा कि वे डीयू कैंपस में सुरक्षित महसूस करती हैं। जबकि 93 फीसदी ने माना कि वे कॉलेज में सुरक्षित हैं। वहीं, 31 फीसदी ने कहा कि वे सफर के दौरान सुरक्षित महसूस करती हैं। डीयू एनएसयूआई विंग ने मार्च में आयोजित सर्वे रिपोर्ट जारी की, जोकि डुसू से संबंधित कॉलेजों में सर्वे के दौरान बसों में सीसीटीवी व गार्ड, काउंसलर, पुलिस पेट्रोलिंग, महिला सुरक्षा गार्ड, आत्मसुरक्षा के गुर, महिला हेल्पलाइन, इंटरनल कंप्लेंट कमेटी, रोशनी की व्यवस्था व स्वच्छ शौचालय पर सवाल पूछे गए थे। सर्वे कि माने तो विवि प्रबंधन की अनदेखी के चलते कैंपस सुरक्षित नहीं है। यूजीसी सैक्सुअल हरासमेट 2015 की गाइडलाइन्स की अनदेखी की जाती है। करीब 180 छात्राओं ने यौन उत्पीडन से जुड़ी आपबीती सुनाई। इसमें 40 मामले ऐसे थे, जिसमें छुने की कोशिश की गयी। जबकि अन्य में व्हाट्सेएप, मोबाइल पर गंदे कमेंट, सोशल मीडिया आदि पर परेशान करना शामिल है।