नई दिल्ली, 26 अगस्त 2018: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा में फेल हुए 42,503 छात्रों का हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए दिल्ली सरकार से कहा कि फेल हुए दसवीं के छात्रों को आप अपने ही सरकारी स्कूलों से कैसे निकाल सकते हैं। नाराज कोर्ट ने खुद दिल्ली सरकार से कह दिया कि फेल हुए छात्र दस हज़ार हो या फिर चालीस हज़ार हो या फिर एक लाख आपको दोबारा एडमिशन देना ही होगा।
बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा में फेल हुए छात्र- छात्राओं को स्कूलों ने अपना रिजल्ट बेहतर करने के लिए स्कूल से ही बाहर कर दिया था। बाहर निकाले गए छात्र-छात्राओं ने हाई कोर्ट का रुख किया, और हाईकोर्ट में शनिवार को उनके मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों से निकाले गए बच्चे आखिर कहां पढ़ाई करेंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ज्यादातर गरीब परिवारों के बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं। जिनके पास फीस के पैसे देने के लिए भी नहीं है सरकारी स्कूलों से इनका नाम काट दिया गया तो फिर अपनी शिक्षा को आगे बरकरार रखने का इन गरीब बच्चों के पास कोई साधन नहीं है। दिल्ली सरकार की स्कूल नीति कहती है कि अगर कोई बच्चा कमजोर या फेल हुआ है तो उसे स्कूल से निकाला नहीं जाएगा, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं सरकारी स्कूल खुद ही दिल्ली एजुकेशन एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे हैं। दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों से हुई भूल को हाईकोर्ट ठीक करने का फैसला कर लिया है। 28 अगस्त से लेकर आएं दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों में एडमिशन दे रही है या फिर हम आदेश कर देंगे कि ऐसे छात्रों को दोबारा सरकारी स्कूलों में दाखिला दें।