जी के चक्रवर्ती
वैसे हमारे देश मे मनाई जाने वाले लगभग सभी त्यौहारें हम मनुष्यों के स्वास्थ आत्मिक, आंतरिक मन, विचार को शुद्धता प्रदान करने के लिये समय समय पर मनाए जाने का प्राविधान हमारे समाज निर्माताओं ऋषि मुनियों द्वारा किया गया है। इन्ही में से एक त्यौहार श्री कृष्ण जस्टमी का है।
हमारे ग्रंथों पुराणों में वर्णित बाल कृष्ण की अनेको लीलाओं का उल्लेख मिलता है। वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण की प्रमुख भूमिका महाभारत के युद्ध में रहा लेकिन उनका सम्पूर्ण जीवन मानवता के लिये हानिकारक अनेको असुरों और निकृष्ट आत्माओं के वध कर मानवों का उद्धार करते हुए गीता का उपदेश मानव कल्याण के लिये समाज मे स्थापित किया।
इस बार 30 अगस्त 2021, सोमवार के दिन इसे मनाया जाएगा। वैसे भगवान विष्णु के ही एक अवतार के रूप में प्रभु श्रीकृष्ण जन्म नन्द और योशोध के पुत्र के रूप में मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था। उनके जन्मदिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था।
कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर लोग घरों में और मंदिरों में बहुत सुंदर झांकियां सजा कर पूजा अर्चना किया जाता हैं। हमरे भारत के लगभग सभी घरों में बाल गोपाल का जन्मोत्सव बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं। स्वमं माता पार्वती ने सोलह सोमवार के व्रत की शुरुआत की थी।
सनातन धर्म के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान कृष्ण के भक्त विधि विधान से उनका व्रत करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूरे श्रृद्धा भाव से पूजा करने के उपरांत भगवान श्रीकृष्ण सब भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।