पटना, 08 अक्टूबर 2018: सवेरा कैंसर एंड मल्टीस्पेशियल हॉस्पीटल, कंकड़बाग, पटना के प्रख्यात कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ वीपी सिंह ने स्तन कैंसर को महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक बताया और कहा कि इससे बचाव के लिए लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है, ताकि समय रहते इसका निदान हो सके।
आशांजलि संस्था द्वारा आयोजित परिचर्चा में उन्होंने कहा कि हमारे देश में आज भी महिलाएं इसके प्रति जागरूक नहीं है। अभी हाल में किये एक अध्ययन की मानें तो हर 28 में से एक महिला को अपने जीवनकाल में स्तन कैंसर होता ही हैं। शहरी क्षेत्रों में इसकी संख्या अधिक होती है यानी 22 में से एक, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 60 में से एक।
उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर के आंकड़े के मामले में भारत पश्चिमी देशों से अलग है। भारत में स्तन कैंसर की समस्या 30 से 40 के उम्र में ज्यादा होती है, जबकि पश्चिम में यह 50 साल से अधिक आयु वाली महिलाओं में होता है। भारत में इसके प्रति जागरूकता और जांच का अभाव काफी देखने को मिलता है, जो लास्ट स्टेज में महिला और उनके परिजनों को पूरी तरह तोड़ देता है।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में भारत में स्तन कैंसर की चपेट में 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाएं ज्यादा आई हैं। इसके प्रति जागरूकता का अभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह डिटेक्ट तीसरे या चौथे स्टेज होता है। तब यह बेहद आक्रामक हो चुका होता है। हम स्तन कैंसर को रोक नहीं सकते, लेकिन थोड़ी सी जागरूकता अपनाकर इसे होने वाले असमय मौत को रोक सकते हैं।
अगर इसके आरंभिक लक्षण का पता लगाया जाय तो इलाज काफी आसान हो जाता है और लगभग 80 प्रतिशत तक ठीक हो जाते हैं। इसलिए युवतियों और महिलाओं को चाहिए कि सप्ताह में एक बार स्तन की जांच जरूर करें। देखें कहीं गांठ तो नहीं। पहले स्टेज में स्तन के अंदर दो सेंटीमीटर तक की गांठ बनती है और इससे सूजन, हल्का दर्द, शुरू हो सकता है।