- पुलिसिया जुल्म से लखनऊ में हुयी मौत से जमकर प्रदर्शन
- परिजनों ने सड़क पर शव रखकर किया प्रदर्शन, मामले ने पकड़ा तूल
लखनऊ, 28 अक्टूबर : चिनहट थाने में पुलिस कस्टडी में मौजूद व्यक्ति मोहित पांडेय की मौत का मामला तूल पकड़ गया। जहां में एक तरफ शनिवार को चिनहट थाने की पुलिस हिरासत में मोहित की मौत के बाद परिजनों ने लोहिया अस्पताल पर पहुंचकर हंगामा किया और लोहिया अस्पताल के सामने मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार परिजन बार- बार इंस्पेक्टर चिनहट अश्वनी कुमार चतुर्वेदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने शनिवार को रात में इंस्पेक्टर चिनहट समेत चार अन्य पर वीएनएस की धारा 103 में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी थी। एसीपी विभूति खंड के मुताबिक मामले की जांच इंस्पेक्टर सुधीर अवस्थी को दी गई है।
पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचने पर परिजनों ने किया हंगामा:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रविवार को सुबह जब पोस्टमार्टम से मोहित पांडेय का शव विभूतिखंड थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित मंत्री आवास के सामने विभव खंड उनके आवास पर पहुंचा तो सैकड़ो की संख्या में लोग वहां पर जमा हो गए। और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। पुलिस तथा वहां पर मौजूद लोगों में थोड़ी बहुत धक्का मुक्की भी हुई लेकिन परिजनों तथा उनके साथ आए लोगों शव सड़क पर रख कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी तथा अपनी मांग के लिए प्रदर्शन करने लगे। मौके पर समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं के पहुंचने पर भीड़ और उग्र हो गई फिर मौके पर मौजूद एडीसीपी पंकज सिंह ने लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए कड़ा रुख अपनाते हुए कुछ लोगों को हिरासत में लिया फिलहाल बाद में पुलिस न उन्हें छोड़ दिया। मौके पर बीकेटी विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक योगेश शुक्ला मौजूद थे उन्होंने दूसरी पार्टी के लोगों द्वारा मामले में उकसाने और माहौल खराब करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। विधायक योगेश शुक्ला ने मृतक के परिजनों को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। उन्होंने मृतक के परिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलवा कर सहायता दिलाने की बात कही है। विधायक ने जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाने की बात कही है।
विधायक और उच्चाधिकारियों के समझाने के बाद परिजनों ने किया अंतिम संस्कार:
विधायक और अधिकारियों के लगातार समझने के बाद परिजनों ने पुलिस फोर्स की मौजूदगी में रविवार को शाम लगभग 5-00 बजे मृतक का अंतिम संस्कार किया।
सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे: मायावती
पुलिस हिरासत में हुई मोहित पांडेय की मौत के बाद लखनऊ की सियासत गरमा गई है। उनके परिजनों ने रविवार को धरना दिया है और उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है और मुआवजे की मांग जहां की है, वहीं बसपा प्रमुख मायावती भी अब मोहित पांडेय के परिवार के समर्थन में उतर आई हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मायावती ने कहा है कि यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस हिरासत में व्यापारी मोहित पाण्डे की कथित तौर पर हुई मौत की घटना पर परिवार एवं लोगों में रोष व आक्रोश व्याप्त होना स्वाभाविक है। यह घटना अति- निन्दनीय है और सरकार पीड़ित परिवार को न्याय देने के लिए प्रभावी कदम अवश्य उठाए। मायावती ने कहा है कि इसके अलावा यहां प्रदेश में महिलाओं पर भी आए दिन हो रही जुल्म-ज्यादती की घटनाएं अति- चिन्तनीय, जिन पर भी सरकार ऐसे अपराधियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे, जो अत्यन्त जरूरी है।
सीबीआई जांच की मांग :
लखनऊ के मोहित पांडे की पुलिस अभिरक्षा में मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि ऐसी घटनाएं पीछे हुई जब सरकार कार्रवाई करने के बचाए अपने अफसरों और अपराधियों को बचाती रही। कानपुर की प्रमिला दीक्षित और उनकी बेटी के साथ घटना हुई, या सरोजिनी नगर में हुई हत्या या अभी लखनऊ में मोहित पांडे की पुलिस अभिरक्षा में मौत, जिसमें ब्राह्मणों को निशाना बनाकर मारा जाता रहा। ब्राह्मणों के साथ ऐसी 900 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी है। लेकिन सरकार ने हर बार वही अपराधियों को बचाने, पुलिस अफसरों को बचाने का उदाहरण पेश किया इससे भाजपा की मंशा ब्राह्मणों के प्रति दुर्भावना स्पष्ट पता चलती है। सरकार जिस तरीके की अत्याचार व्यवस्था भाजपा सरकार में चल रही है। उससे साफ है जाति और धर्म देखकर घटनाएं, अपराध कार्रवाई हो रही हैं।