हम अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं आएंगे और हम आलोचनाओं से भी डरने वाले नहीं हैं। जो लोग म्यांमार वापस आना चाहते हैं, हम उनके लिए रिफ्यूजी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे: आंग सान सू की
नई दिल्ली 19 सितम्बर। स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने कहा कि रोहिंग्या समुदाय को म्यांमार में संरक्षण मिला लेकिन इन्होंने म्यांमार में ही आतंकी हमले करवा दिए। उन्होंने आगे कहा, हम आलोचनाओं से डरने वाले नहीं हैं। जो लोग म्यांमार वापस आना चाहते हैं, हम उनके लिए रिफ्यूजी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा, म्यांमार से रोहिंग्या मुस्लिमों को खदेड़ा जा रहा है और इसके बाद पूरी दुनिया की नजर इन पर है। अंतरराष्ट्रीय तौर पर गरमाए इस मामले पर सू की ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं आएंगे। उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों के एक वर्ग पर पुलिस कार्रवाई और देश विरोधी काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘हम मानवाधिकार उल्लंघन की निंदा करते हैं। हम शांति और कानून को सुचारु तरीके से चलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।‘
सू की ने कहा, म्यांमार के राखिने में सिर्फ मुसलमान नहीं रहते वहां बौद्धों पर हमले कराए गए। हमारे सुरक्षाबल हर हालात और आतंकी खतरे से निपटने में सक्षम है। उन्होंने आगे बताया,’रोहिंग्या ने म्यांमार में हमले कराए हैं। जो लोग पलायन कर रहे हैं हम उनसे बात करना चाहते हैं।
अपने संबोधन में सू की ने कहा म्यांमार एक जटिल देश है और हमसे उम्मीद की जाती है कि हम इस सभी चुनौतियों से कम से कम समय में बाहर निकलें। पिछले 70 सालों से चले आ रहे आंतरिक विवाद के बाद शांति और स्थिरता ऐसी चीजें थीं जो हमें पाना जरूरी है। म्यांमार को वैश्विक स्क्रूटनी का डर नहीं है और हम रखाइन राज्य के स्थायी समाधान को लेकर प्रतिबद्ध हैं।