भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही दरिंदों पर कठोर कार्रवाई शुरू हो गयी थी, जो अब भी जारी है। बलिया कांड में तुरंत ही मुख्यमंत्री सख्ती के साथ पेश आये। हाथरस कांड में भी मुख्यमंत्री ने सक्रियता दिखाई और सख्त कार्रवाई के साथ ही सख्त संदेश भी दिया। पीड़ित परिवार ने जो चाहा, वह सरकार ने किया। सीबीआई जांच में एक पल भी देर नहीं की लेकिन अखिलेश यादव को शायद वह दिन याद आ रहा होगा, जब उनके पिता के कार्यकाल में विधायक कृष्णानंद की हत्या के बाद भी सीबीआई जांच न कराने के लिए सूप्रीम कोर्ट तक गये थे। ये बातें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रभूषण पांडेय ने रविवार को कही।
वे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा शनिवार को दिये गये बयान “भाजपा सरकार ने दरिंदों के सामने सरेंडर कर दिया है। यहां कोई सुरक्षित नहीं है।” इस पर रविवार को प्रतिक्रिया दे रहे थे।
चंद्रभूषण पांडेय ने कहा कि यही सपा के कार्यकाल में दुराचार के बाद थाने से पीड़ित को भगा दिया जाता था। उसकी प्राथमिकी तक दर्ज नहीं होती थी। भाजपा की सरकार जब से बनी है, तब से प्रदेश में हर पीड़ित की सुनवाई होती है। यदि कहीं सुनवाई में गड़बड़ी पाई गयी तो पोर्टल पर शिकायत के बाद त्वरित गति से जांच कर दोषी के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई भी होती है।
चंद्रभूषण पांडेय ने कहा कि भाजपा के शासन काल में हर व्यक्ति महसूस कर रहा है कि यहां सुनवाई त्वरित गति से हो रही है। यही कारण है कि अराजकता के लिए कुख्यात समाजवादी पार्टी के लोगों को यह पच नहीं रहा है। इस कारण हर बात उनको बुरी लगती है। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष वार्ता में कहा कि खैर जनता सबकुछ जानती है। वह यह भी जानती है कि यही सपा का शासन काल था, जब एक ट्रांसफार्मर जलने के बाद लोगों को चंदा इकट्ठा कर अधिकारियों के जेब गर्म करने पड़ते थे। वहीं अब 24 घंटे के भीतर बिजली विभाग खुद जाकर ट्रांसफार्मर लगा रहा है। अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार सख्ती के साथ पेश आ रही है।