नई दिल्ली। अब स्कूल आपके बच्चों को आठवीं कक्षा तक फेल नहीं कर सकेंगें, क्योकि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवीं कक्षा तक के छात्रों को फेल न करने की नीति खत्म करने को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने साथ ही देश में विश्व स्तर के 20 संस्थानों के निर्माण की मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना को भी अपनी मंजूरी दे दी। इसे लेकर बाल निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार संशोधन विधेयक में एक प्रावधान बनाया जाएगा जिससे राज्यों को साल के अंत में होने वाली परीक्षा में फेल होने पर छात्रों को पांचवीं और आठवीं कक्षा में रोकने की मंजूरी मिल जाएगी।
छात्रों को कक्षाओं में रोकने से पहले एक परीक्षा के जरिए सुधार का एक दूसरा अवसर दिया जाएगा। विधेयक अब मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा। अगर छात्र दोनों प्रयासों में फेल रहते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक लिया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पहले कहा था कि 25 राज्य पहले ही इस कदम के लिए अपनी सहमति मिल चुकी हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया था कि कक्षा एक से 8वीं तक छात्रों को नहीं रोकने की नीति से वे प्रभावित हुए हैं।