लखनऊ, 11 नवंबर 2018: लक्ष्मण मेला मैदान में छठ पूजा की तैयारियां ज़ोरों पर चल रही है। इस दौरान भोजपुरी कलाकारों ने मीडिया के सामने छठ के गानों की प्रस्तुति भी दी। फोटो: आज़म हुसैन
षष्ठी देवी को ही स्थानीय बोली में छठ मैया भी कहा जाता है
सूर्य से तो सभी परिचित हैं, लेकिन छठ मैया कौन-सी देवी हैं? मान्यता के अनुसार ब्रह्मवैवर्तपुराण के प्रकृतिखंड में बताया गया है कि सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी के एक प्रमुख अंश को देवसेना कहा गया है। प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इन देवी का एक प्रचलित नाम षष्ठी है। षष्ठी देवी को ब्रह्मा की मानसपुत्री भी कहा गया है। पुराणों में इन देवी का एक नाम कात्यायनी भी है। इनकी पूजा नवरात्र में षष्ठी तिथि को होती है। षष्ठी देवी को ही स्थानीय बोली में छठ मैया कहा गया है, जो नि:संतानों को संतान देती हैं और सभी बालकों की रक्षा करती हैं।
छठ का आधुनिक ट्रेंड:
आमतौर पर देखा जाता है कि छठ में नदी-तालाबों पर हर साल भीड़ बहुत बढ़ जाती है। भीड़ से बचते हुए व्रत करने का क्या तरीका हो सकता है। इस भीड़ से बचने के लिए हाल के दशकों में घर में ही छठ करने का चलन तेजी से बढ़ा है. ‘मन चंगा, तो कठौती में गंगा’ की कहावत यहां भी गौर करने लायक है।
आधुनिक परम्परा के अनुसार कई लोग अब घर के आंगन या छतों पर भी छठ व्रत करते हैं। यह व्रत करने वालों की सहूलियत को ध्यान में रखकर ऐसा किया जाता है।