एस-आईएलएफ ने 17 राज्यों तक पहुंच और छात्रवृत्ति की उपलब्धियों के एक दशक का मनाया उत्सव
नई दिल्ली, 24 नवम्बर : ससाकावा-इंडिया लेप्रसी फाउंडेशन (एस-आईएलएफ) ने आज नई दिल्ली के विश्व युवा केंद्र (वीवाईके) में अपने 18वें स्थापना दिवस का आयोजन किया। यह कार्यक्रम कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों के सशक्तिकरण, समावेशन को बढ़ावा देने और भेदभाव तथा कलंक से लड़ने के लिए लगभग दो दशकों की समर्पित कोशिशों को समर्पित था।
इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद बैजयंत पांडा और कुष्ठ उन्मूलन के लिए डब्ल्यूएचओ के गुडविल एंबेसडर योहेई ससाकावा शामिल हुए। अन्य विशिष्ट अतिथियों में सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी, एस-आईएलएफ के चेयरमैन तरुण दास और एसोसिएशन ऑफ पीपल अफेक्टेड बाय लेप्रसी (एपीएएल) की अध्यक्ष श्रीमती माया रणावरे भी उपस्थित रहीं।
अपने संबोधन में, एस-आईएलएफ के चेयरमैन तरुण दास ने कलंक मुक्त समाज के निर्माण में निरंतर प्रयासों और साझेदारियों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “पिछले 18 वर्षों की हमारी यात्रा लचीलापन और सहयोग का प्रतीक रही है। व्यक्तियों, समुदायों और संगठनों के समर्थन ने जीवन को बदलने और हाशिए पर खड़े लोगों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए वैश्विक अधिवक्ता योहेई ससाकावा ने इस लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “मैं एस-आईएलएफ के साथ खड़ा होने पर गर्व महसूस करता हूं जो कुष्ठ रोग को समाप्त करने और भेदभाव से लड़ने का प्रयास कर रहा है। सरकारों और समुदायों के सहयोग से हम एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं जहां कोई भी पीछे न छूटे।”
कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थित लोगों द्वारा कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के खिलाफ कलंक और भेदभाव को समाप्त करने की प्रतिज्ञा के साथ हुआ।