रविवार को स्कूलों की होती रही साफ-सफाई, कल से पचास प्रतिशत बच्चे पहुंचेगे स्कूल
लखनऊ, 28 फरवरी 2021: एक साल तक कोरोना के कारण घर बैठे बच्चों के चेहरे पर सोमवार से खुशी लौट आएगी। इसका कारण है प्राथमिक विद्यालयों का खुलना। अभी सभी बच्चों को स्कूल तो नहीं बुलाया जाएगा लेकिन हर एक दिन की अंतराल पर बच्चों को स्कूल जाने का मौका मिलेगा। इस दौरान सभी स्कूलों को कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना होगा। रविवार को स्कूलों की साफ-सफाई होती रही।
बेसिक शिक्षा मंत्री डाक्टर सतीश द्विवेदी ने कहा कि समय-समय पर हमारे विभाग की ओर से जो सावधानियां बरती जानी चाहिए, वो दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उनका पालन करते हुए पर्याप्त सेनेटाइजेशन, मास्क और अन्य सावधानियों को ध्यान में रखते हुए बच्चों के स्कूल खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्लास के हिसाब से शेड्यूल बनाया गया है।
डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि जैसे अभी कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल खुले थे. हम लोगों ने तय किया था कि दो दिन कक्षा 6 और दो दिन कक्षा 7 के बच्चे और दो दिन ऐसे ही एक से पांच के बच्चों को भी अलग-अलग कक्षाओं को अलग-अलग दिन बुलाएंगे। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। अभिभावकों के ऊपर बच्चों को स्कूल भेजने का कोई दबाव नहीं होगा। जो अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं, वे स्वेच्छा से भेज सकते हैं और वही बच्चे स्कूल आएंगे।सरकार की गाइड लाइन के अनुसार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत समस्त विद्यालयों में बच्चे पहुंचेंगे तथा ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होंगी। पहले दिन प्रत्येक कक्षा के 50 फीसद बच्चों को ही बुलाया जाएगा‚ इसके बाद अगले दिन शेष बचे 50 फीसद बच्चों की कक्षाएं लगेंगी।
इसके अतिरिक्त जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक है‚ वहां दो पालियों में कक्षाएं संचालित की जाएंगी। इस दौरान स्कूलों में न तो खेलकूद होंगे‚ न ही किसी आयोजन को करने करने की छूट मिलेगी। हालांकि परिषदीय स्कूलों में खेलकूद को छूट प्रदान की गई है। कोविड प्रोटोकाल के तहत बच्चों में छह फिट की दूरी और मास्क जरूरी होगा।
नए एडमिशन के दौरान अर्हता पूरी करने के लिए अभिभावकों को ही बुलाया जाएगा‚ बच्चों को नहीं।
विद्यालयों को आयोजनों से बचना होगा‚ यदि आवश्यक हो तो शारीरिक दूरी बनाए रखना जरूरी होगा। बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग करानी होगी। बाहरी वेंडर विद्यालय के अन्दर खाद्य सामग्री नहीं बेंच सकेंगे। विद्यालय अथवा उसके आस–पास स्वास्थ्य कर्मी‚ नर्स व डाक्टर की व्यवस्था होनी चाहिए।
बच्चों के रिक्शे‚ बसों आदि के नियमित सैनिटाइजेशन की व्यवस्था होना चाहिए। इस दौरान बच्चों को पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था होनी चाहिए तथा इस बात का ध्यान रखना होगा बच्चे पुस्तकें‚ नोटबुक‚ पेन और लंच किसी से भी साझा न करें। विद्यालयों में कक्ष‚ शौचालय‚ दरवाजे‚ कुंड़ी‚ सीट आदि का निरन्तर सैनिटाइजेशन व साफ कराना होगा।
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