मल्टीलेयर फार्मिंग कैसे करें?
सतह पर पत्तें वाली सब्जियां- धनिया, चौलाई, पालक, मेथी आदि
सतह के नीचे कंद- आलू, हल्दी, अदरक आदि
मचान पर- परवल, तरोई, लौकी, खीरा, गिल्की, कुंदरु आदि
मचान से ऊपर फलदार पेड़- जैसे पपीता आदि
आम की विदेशी फसल माया, एक मिठास का अहसास
ये है आम की विदेशी किस्म माया. इसे अपने देश की आबोहवा में आसानी से उगाया जा सकता है.
माया किस्म को एक इजरायली बाग में प्राकृतिक क्लोन के रूप में खोजा गया था. माया एक उच्च गुणवत्ता वाला आम है, जिसका स्वाद बेहद ख़ास सहोता है. यह आम काफी चिकना और इसका रेशा रहित गूदा होता है. कई आमों की तुलना में इसका आकार काफी गोल होता है. छिलके का रंग गहरा पीला एवं नारंगी-लाल होता है, जबकि छिलका पतला और बीज काफी छोटा होता है.
क्या आप भी इतनी लम्बी लौकी उगाना चाहते हैं
6 फीट लम्बी लौकी का बीज (प्रजाति- नरेंद्र शिवानी) सीमित मात्रा में उपलब्ध है, प्रति बीज 15 रुपये की दर से.
इसकी बिजाई जुलाई से अगस्त तक की जाती है, जिसमें अक्टूबर-नवम्बर से लेकर अगले साल मार्च तक उत्पादन ले सकते हैं. 1 बीज 1 बिस्वे के लिए पर्याप्त है यानी 1 बीघे में मात्र 20 बीज लगेंगे या और सघन लगाना चाहें तो 40 बीज भी बो सकते हैं.
पेड़ पौधे काटकर तरक्की नहीं कर सकते!
काम की सलाह: रवि प्रकाश मौर्या
शहर और गांव में भी 95% हल्दी बाजार से ही आती है किसी न किसी कंपनी की। उसका कितना आसान विकल्प है ये!
हल्दी 1 वृक्ष एक परिवार: यदि बड़ा वृक्ष है तो जितने में नीचे छाया रहती है उतने में हल्दी लग जाए तो भी एक छोटे परिवार को हल्दी मिलती रहेगी और ज्यादा वृक्ष हैं तो और ज्यादा लग जाए, क्या जरूरत है वृक्ष काटने की!
गांव, खेतों में बड़े-बड़े पेड़ धीरे-धीरे इंसान की नासमझी से सिर्फ इसलिए कटते गए कि उसकी छाया में गेहूं, ज्वार या कोई और फसल नहीं होती। यहां तक कि न जाने कितने मुकदमे चल रहे होंगे लड़ाई-झगड़े के सिर्फ इसलिए कि पड़ोसी के खेत में लगे पौधे की छाया दूसरे के खेत में जाती है, जिससे उतने एरिया में कोई फसल नहीं होती। तो भाई! उतने एरिया में हम हल्दी, लगा सकते हैं इसको तो कोई आवारा पशु भी नहीं खाते, न ज्यादा कोई देखरेख करनी है। हमारे पास विकल्प हैं फिर भी पेड़ काटने पर तुले रहते हैं।
पेड़ पौधे काटकर, प्रकृति को मिटाकर हम इंसान तरक्की तो क्या जिंदा भी नहीं रह सकते! इसलिए पेड़ काटिए नहीं, बल्कि उनके नीचे हल्दी लगाइए जहां भी छाया हो। बाकी पूरे एरिया में खेत में जो भी फसल लगानी हो वह लगाइए।