उपभोक्ता परिषद् की लड़ाई काम आयी: सौभाग्य में हजारो यूनिट जम्प कर रहे सौभाग्य योजना में खरीदे गये पावर टेक मीटर कंपनी के मीटर लगाने पर दक्षिणांचल कंपनी ने लगाई रोक कहा उपभोक्ता की शिकायत पर उतरेगा मीटर व बिल किए जाएगे ठीक
उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद ने यूपी सरकार से मांग की है कि प्रदेश में पिछले पांच वर्षो में लगभग 2500 करोड़ के खरीदे गये इलेक्ट्रॉनिक मीटर प्रीपेड मीटर व स्मार्ट मीटर की सीबीआई जाँच हो परिषद ने दावा किया कि इस जाँच से बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है।
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि जब भी कोई नयी परियोजना सॉफ्टवेयर किसी भी योजना के लिए लागू किया जाता है सबसे पहले यूएटी यूजर एक्सेप्टेन्स टेस्ट कई चरणों में पूरे सिस्टम में होता है जिसमें एक छोर से दूसरे छोर तक सभी घटको का परीक्षण किया जाता है। उसमें एमडीएम से लेकर स्मार्ट मीटर की गुणवक्ता व उसके हर पहलू की सघन जाँच होती है कि अब इस सिस्टम को चालू किया जाय कि नहीं ! उपभोक्ता परिषद ने कहा कि स्मार्ट मीटर परियोजना को लागू करने के पहले अगर यूएटी टेस्ट किया गया होता तो आज न तो भार जंपिंग का मामला निकलता न रीडिंग जंपिंग और न ही जन्मास्ठमी के दिन मीटर बत्ती गुल का मामला सामने आता? उन्होंने कहा कि इसी प्रकार मीटर परीक्षण करने गये अभियंताओ द्वारा मीटर के संचार प्रणाली का परीक्षण नहीं किया गया 35 केवी स्पार्क टेस्ट नहीं किया गया।
उपभोक्ता परिषद् ने प्रदेश सरकार व प्रदेश के ऊर्जामंत्री जी से मांग की है कि पिछले पांच वर्षो में जो भी मीटर ख़रीदे गये हैं या लगवाये गये हैं तत्काल उनकी सीबीआई जाँच कराई जाय जिससे बड़े रैकेट का खुलासा होगा।
परिषद ने कहा कि इसी प्रकार सौभाग्य में जो मीटर उपभोक्ताओ के यहाँ लगने के लिए पावरटेक मीटर कंपनी का खरीदा गया था उसमे बड़ी तकनीकी कमियां सामने आयी थी और बड़े पैमाने पर रीडिंग व भार जंपिंग आ रही थी जिसका उपभोक्ता परिषद ने विरोध किया था अन्त्तता आज दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने तत्काल प्रभाव से पावर टेक मीटर लगाने पर रोक लगा दी गयी है और तत्काल शिकायत आने पर उसे बदलने का निर्देश जारी किया गया है। उपभोक्ता परिषद ने कहा सौभाग्य में और भी जिन कम्पनियो के मीटर खरीदे गये हैं तत्काल उनकी जाँच कराकर उसे भी उतरवाया जाए।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि जन्मास्टमी को स्मार्ट मीटर बत्ती गुल प्रकरण भार जंपिंग मीटर रीडिंग जंपिंग के बाद अब 10 सदस्यीय यूएटी0टेस्ट 3 माह में करने के लिए प्रबंध निदेशक मध्यांचल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गयी है जो जाँच में लगी है अब सवाल यह उठना लाजमी है यह यूएटी कार्यवाही से पहले बिना किए स्मार्ट मीटर लगाने का काम क्यों शुरू कराया गया और अनेको जाँच रिपोर्ट आने के बाद भी आज तक न ही किसी दोषी अभियंता पर ही कार्यवाही हुई और न ही मीटर निर्माता कंपनी को ही ब्लैकलिस्ट किया गया, जो अपने आप में गंभीर मामला है ? उन्होंने कहा कि अभी अभी समय है पिछले 3 वर्षो में प्रदेश में खरीदे गये लगभग 2000 हजार करोड़ के इलेक्ट्रॉनिक मीटर व लगभग 500 करोड़ के लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर व एमडीएम की सीबीआई जाँच करा ले स्वत: बड़े रैकेट का खुलासा होगा।