उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का कहना है कि किसानों के लिए फ्री बिजली योजना का लाभ लेने के लिए उसमें अनेकों शर्ते हैं तो कहीं वह किसानों को नहीं डरा रही है ? कहीं किसानों पर अनेकों जनपदों में गलत बकाया है उसे कोई ठीक नहीं कर रहा है या फिर विभाग के लोग दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं निश्चित ही इस पर गंभीरता से विचार होना चाहिए
लखनऊ 11 नवंबर 2024: उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष कहना है कि उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए फ्री बिजली योजना का आदेश 7 मार्च 2024 को कुछ शर्तों के साथ जारी किया गया और 1 अप्रैल 2023 से मुफ्त बिजली आपूर्ति लेने के लिए सभी किसानों को पंजीकरण कराने हेतु अनुरोध किया गया। उत्तर प्रदेश में टैरिफ आदेश में दी गई संख्या पर ध्यान दें तो लगभग 15 लाख 72 हजार 373 किसानों की निजी नलकूप है यानी कि किसान उपभोक्ता है अब बात की जाए कि अभी तक फ्री बिजली योजना का लाभ लेने के लिए कितने किसानों ने अपना पंजीकरण कराया तो वह संख्या लगभग 7 लाख 77 हजार 700 के करीब है यानी की अभी तक केवल 50 प्रतिशत किसानों ने ही अपना पंजीकरण कराया यह बहुत ही सोचनीय बात है कि उत्तर प्रदेश में फ्री बिजली का लाभ लेने के लिए भी किसान आगे क्यों नहीं आ रहे? हैं या तो फ्री बिजली योजना की जो शर्ते है वह किसानों को डरा रही हैं या तो किसानों के पंजीकरण करवाने में विभाग द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है बडे पैमाने पर किसानों पर उनके बिल में गलत बकाया आ रहा है और उसकी कोई ठीक करने को तैयार नहीं है पंजीकरण में यह भी शर्त है कि किसानों को मीटर लगाना होगा बकाया चुकाना होगा और एक सीमित यूनिट उनको छूट मिलेगी।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह रिसर्च का मामला है कि उत्तर प्रदेश में किसान फ्री बिजली योजना का लाभ लेने के लिए भी आगे नहीं आ रहे हैं अब तक बात की जाए तो लगभग दर्जनों बार पंजीकरण की डेट बढाई जा चुकी है हर 15 दिन के बाद एक बार तिथि बढाई जाती है अभी जो बढ़ी हुई तिथि है वह 15 नवंबर है आगे फिर बढाई जाएगी जैसा की अनवरत चल रहा है ऐसे में पावर कॉरपोरेशन व उत्तर प्रदेश सरकार कोई है जरूर सोचना चाहिए कि किसानों के लिए फ्री बिजली योजना लाई गई और किस उसमें दिलचस्पी क्यों नहीं ले रहा है।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद पहले ही जब किसानों की इस पर राय ली थी तो किसानों ने उपभोक्ता परिषद के वेबीनार में शामिल होकर कहा था कृषि कार्य हेतु किसान अपने खेत की सिंचाई मीटर की यूनिट देखकर नहीं करता वह खेत की आवश्यकता देखकर करता है ऐसे में किसानों के ऊपर जो शर्तें थोपी गई है उसको आसान बनाया जाए लेकिन कहीं भी उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया आगे या सोचने का विषय रहेगा कि उत्तर प्रदेश में उपभोक्ता फ्री बिजली का लाभ लेने के लिए भी नहीं आगे आते उसका क्या कारण है?